नई दिल्ली : मां शक्ति की आराधना और पूजा के दिन नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. चैत्र के नवरात्र का अपना खास महत्व है. बता दें कि हिंदू धर्म में चैत्र से नया साल शुरू होता है और इसकी गणना नवरात्र से की जाती है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस बार नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलेंगे. 14 अप्रैल को राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा. 


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चैत्र नवरात्र का महत्व 
चैत्र नवरात्र से ही नववर्ष के पंचांग की गणना की जाती है. पुराणों की मानें तो चैत्र नवरात्र के पहले मां शक्ति अवतरित हुर्इ थीं. ब्रह्म पुराण के अनुसार, देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि निर्माण करने के लिए कहा. चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में अवतार लिया था. श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्र में ही हुआ था. 


चैत्र नवरात्र के नौ दिन होती है मां दुर्गा के इन 9 स्वरूपों की पूजा



क्या कहता है ज्योत‌िष
ज्योत‌िष की दृष्ट‌ि से भी चैत्र नवरात्र का व‌‌िशेष महत्व है क्योंक‌ि इसके दौरान सूर्य का राश‌ि परिवत्रन होता है. कहा जाता है कि नवरात्र में देवी और नवग्रहों की पूजा से पूरे साल ग्रहों की स्थ‌ित‌ि अनुकूल रहती है. पंडितों का मानना है कि चैत्र नवरात्र के दिनों में मां स्‍वयं धरती पर आती हैं, इसल‌िए मां की पूजा से इच्छ‌ित फल की प्राप्त‌ि ‌होती है.