बॉलीवुड के इस डायरेक्टर को कामयाबी लगती है नीरस
बजरंगी भाईजान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाले डायरेक्टर कबीर खान का कहना है कि, वह हिट होकर सेफजोन में रहने के लिए इस फील्ड में नहीं आए
नई दिल्ली. हिंदी सिनेमा में प्रयोग के लिए पहचाने जाने वाला डायरेक्टर अगर यह कहे कि वह हिट होने के लिए फिल्में नहीं बनाता. उसे हिट होना बोरिंग लगता है. तो सुनकर कुछ अजीब लगता है. है न! आपको जानकार आश्चर्य होगा कि एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान जैसे हिट फिल्में देने वाले डायरेक्टर कबीर खान को कामयाबी नीरस यानी बोरिंग लगती है.
बॉलीवुड निर्देशक कबीर खान ने अपने एक दशक लंबे फिल्मी सफर में कई प्रयोग किए हैं. उनका कहना है कि वह जोखिम उठाने में यकीन रखते हैं जो कई बार काम करता है और कई बार नाकाम रहता है, लेकिन उनकी कोशिश कभी अपने लिए सेफ जोन में बंधकर रह जाना नहीं रही.
कबीर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरा लक्ष्य पैसा कमाना और सुरक्षित होना नहीं था। सुरक्षित फिल्में बनाना और कामयाब होने से जिदंगी निरस हो जाती है। मेरा यकीन जोखिम लेने में है। कुछ फिल्में कामयाब होती हैं और कुछ नहीं।’
इसके बाद उन्होंने कहा, ‘अगर मैं ये समझ लूं कि ये मेरे लिए अच्छा है तब तो सफर मेरे लिए खत्म ही हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि अपने करियर के अंत तक मैं खुद को खोजने की कोशिश में लगा रहूंगा. मैं लगातार एक्सप्लोर करूंगा कि मुझे क्या रोमांचित करता है और क्या अलग-अलग चीजें मैं कर सकता हूं। मेरी इच्छा कभी भी सेफ जोन में पहुंचने की नहीं रही।’
याद दिला दें कि खान ने ‘एक था टाइगर’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी एक के बाद एक दो हिट फिल्में दी हैं लेकिन उनकी पिछली दो फिल्में ‘फैंटम’ और ‘ट्यूबलाइट’ बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास असर नहीं छोड़ पाईं. लेकिन ये असफलता कबीर को नेगेटिव नहीं करती. असफलता के बावजूद कबीर ने रिस्क लेने का इरादा नहीं छोड़ा है.
उन्होंने कहा, ‘ ‘बजरंगी भाईजान’ बिना किसी बड़े स्टार के भी अच्छा कलेक्शन करने की दम रखती थी, लेकिन फिल्म में सलमान खान के होने से यह ज्यादा लोगों तक पहुंची।’
जल्द ही कबीर अपनी अगली फिल्म ‘83’ लेकर आने वाले हैं. जो भारतीय क्रिकेट टीम के पहले विश्व कप जीतने पर आधारित है। इस फिल्म में रनवीर सिंह मुख्य भूमिका में है।