शराब की लत ने डुबोया, वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसी इस फेमस एक्ट्रेस को ठेले पर ले जाना पड़ा था श्मशान घाट!
Actress Vimi: वो कहते हैं चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात...बॉलीवुड की मायानगरी भी कुछ ऐसी ही है. सामने से चकाचौंध पर पीछे से अंधेरे से भरी और उस अंधेरे के बार में सिर्फ वही जानता है जो उससे गुजर चुका है. उन्हीं में से एक रहीं अपने जमान की मशहूर एक्ट्रेस विमी.
Actress Who Lives Painfull Life: हिंदी सिनेमा के गुजरे जमाने के ढेरों किस्से आज भी गूंजते हैं. जिनमें कुछ अनसुनी रोमांटिक कहानियां हैं तो कुछ अधूरी दर्द भरी दास्तां. इस लिस्ट में एक नाम एक्ट्रेस विमी का भी है जो अपने दौर की मशहूर अदाकार रहीं और बड़े स्टार्स के साथ उन्होंने काम किया. 33 वें साल में ही विमी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. ऐसे में जितनी भी जिंदगी उन्होंने जी उसके बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. इन 33 सालों में उन्होंने जो सहा वो वाकई दर्दनाक था.
करोडों की मालकिन थी विमी
60-70 के दशक की टॉप एक्ट्रेस की बात हो तो विमी का नाम जरूर जुबां पर आ जाता है. जिन्होंने सुनील दत्त से लेकर शशि कपूर तक के साथ स्क्रीन शेयर की और खूब कामयाबी पाई. कहा जाता है कि उस वक्त वो एक फिल्म के लिए 3 लाख रूपए चार्ज करती थीं जो काफी ज्यादा था. इतना ही नहीं उनका टेक्सटाइल्स का बिजनेस था जिससे करोडों की कमाई होती थी. लिहाजा विमी एक आलीशान जिंदगी जीती थीं. वो लग्जरी गाड़ियों में आती जातीं और शानदार घर में ठाठ से रहतीं. लेकिन फिर उनकी लाइफ ने करवट ली और वो हुआ जो कभी नहीं होना चाहिए था.
तलाक के बाद शराब की लत ने डुबोया
फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनने से पहले विमी शादीशुदा थीं. उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की थी. फिल्मों में आईं तो ससुरालवाले भी उनके विरोधी हो गए. हालांकि उनके पति ने उनका साथ दिया लेकिन कहा जाता है कि कुछ समय बात उनका तलाक हो गया जिसके बाद उनकी नजदीकियां प्रोड्यूसर जॉली से बढ़ी. कहा जाता है कि जॉली की संगत में ही आकर वो शराब की आदी हो गई थीं. आलम ये रह कि धीरे-धीरे उनका बिजनेस भी डूबने लगा लेकिन वो कुछ ना कर सकीं. वो कंगाल हो गईं. एक वक्त ऐसा आया कि वो वेश्यावृत्ति के दलदल में फंस गई. मीडिया रिपोर्ट्स में आज भी इसके प्रोड्यूसर जॉली को ही दोषी ठहराया जाता है. वो हद से ज्यादा पीने लगीं जिससे उनका लीवर खराब हो गया.
ऐसा दर्दनाक था आखिरी पल
उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. लेकिन वो इस कदर कर्जे में डूबी थी कि खुद के इलाज के लिए भी पैसे नहीं बचे थे. 22 अगस्त 1977 में विमी ने आखिरी सांस ली. लेकिन उस वक्त अस्पताल में उनका अपना कोई ना था कि जो उन्हें आखिरी कंधा देता. कहा जाता है कि उस वक्त जॉली ने एक जूस वाले से ठेला लेकर उस पर विमी के शव को श्मशान तक पहुंचाया था.
भारत की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं