नई दिल्ली: आज के ही दिन पांच साल पहले एक सुपरहिट और तीन सौ करोड़ी फिल्म 'बजरंगी भाईजान (Bajrangi Bhaijaan)' रिलीज हुई थी. इस फिल्म के एक्टर्स, डाइरेक्टर के बारे में तो बहुत कुछ कहा गया है, लेकिन इस फिल्म की कहानी को कन्सीव करने वाले लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. खासकर ये बात कि किस तरह उन्होंने महज पंद्रह मिनट में सलमान को कहानी सुनाकर फिल्म में काम करने को राजी करा लिया?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विजयेंद्र हैं गजब के स्टोरी टेलर
78 वर्षीय विजयेंद्र साउथ के सुपरहिट निर्देशक एसएस राजमौलि (बाहुबली फेम) के पिता हैं. बहुत सिंपल दिखने और रहने वाले विजयेंद्र प्रसाद कई सुपरहिट फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं. इनमें 'बाहुबली', 'मक्खी', 'मणिकर्णिका', 'मगधीरा' तो है ही, आने वाली चर्चित फिल्म 'आरआरआर' और 'थलाइवी' की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है.


सलमान और शाहरुख का नाम
विजयेंद्र के लिए फिल्म लेखन काम नहीं, बल्कि मनोरंजन है. जब वे हैदराबाद में अपने ऑफिस में बैठकर 'बजरंगी भाईजान' का प्लॉट तैयार कर रहे थे, तो उनके बेटे राजमौलि ने पूछा कि वे यह फिल्म किसके लिए लिख रहे हैं? अंदर की खबरों के अनुसार विजयेंद्र ने जवाब दिया था, यह फिल्म हिंदी में ही बननी चाहिए. इस फिल्म में सलमान या शाहरुख को काम करना चाहिए.


विजयेंद्र की हिंदी बहुत अच्छी नहीं है. वे पूरी कहानी या पटकथा कभी लिखते नहीं हैं. सारे सींस उनके दिमाग में रहते हैं. अक्सर वे अपने सहयोगी को एक ब्लैक बोर्ड साथ में लाने को कहते हैं और वहां लिखकर बताते हैं कि फिल्म का ओपनिंग सीन ये होगा, इंटरवल यहां होगा और फिल्म इस सीन पर खत्म होगी. पूरी फिल्म की पटकथा उनके दिमाग में होती है और वे चटपट अपनी बात कह देते हैं.


सलमान को क्यों पसंद आई कहानी?
विजयेंद्र फिल्म की कहानी सुनाने मुंबई सलमान खान के पास गए. फिल्म के निर्देशक कबीर खान साथ में थे. विजयेंद्र ने सलमान को शुरुआती सीन बताया. जैसे ही विजयेंद्र ने कहा कि बच्ची को बोलना नहीं आता, सलमान भावुक हो गए. फिर उनकी एंट्री बताई. लड़की के साथ पाकिस्तान ट्रेवल करने वाला सीन बताया. फिल्म का अंतिम सीन एक्सप्लेन किया. महज पंद्रह मिनट बाद सलमान ने कह दिया, मैं यह फिल्म कर रहा हूं. ये पांच सीन जो इन्होंने बताए वो इतने दमदार हैं कि पूरी पिक्चर इनके बेस पर बन जाएगी. इसके बाद विजयेंद्र को कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ी.


तगड़ी फीस
कबीर खान इस फिल्म की कहानी के लिए विजयेंद्र जी को 45 लाख रुपए देने वाले थे, सलमान ने कुछ और बढ़ा दिया. पर विजयेंद्र दो करोड़ से कम में माने ही नहीं. आखिरकार लेखक की ही जीत हुई.


एंटरटेनमेंट की और खबरें पढ़ें