HAPPY BIRTHDAY UDIT NARAYAN: 1 दिसंबर, 1955 को बैसी, बिहार में जन्में उदित नारायण ने अपनी सुरीली आवाज से करोड़ों दिलों पर राज किया है. एक छोटे शहर के लड़के से आए लड़के ने अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट के दम पर एक महान गायक बनने का सफर तय किया. उदित नारायण की कहानी युवाओं को अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करती है.


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अपना 68वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे उदित नारायण 1980 के दशक में फिल्म 'उन्नीस बीस' से एक प्लेबैक सिंगर के रूप में अपना करियर शुरू किया. उदित नारायण ने तब से लेकर अब तक 140 से अधिक हिंदी फिल्मों में गाने गाए हैं. उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्मों के लिए भी प्लेबैक किया है और कई सिंगल और डुएट एल्बम रिकॉर्ड किए हैं. उन्होंने 1500 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं.


आमिर खान पर फिल्माए गाने ने बदली किस्मत
1980 में  उदित नारायण प्लेबैक सिंगिंग में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए. उनके शुरुआती साल संघर्ष से भरे हुए थे. उन्होंने काफी रिजेक्शन मिला और छोट-मोटा काम करना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत कभी नहीं छोड़ी. उन्हें सफलता 1988 में फिल्म "कयामत से कयामत तक" से मिली. आमिर खान पर फिल्माए गाने "पापा कहते हैं" ने उनकी किस्मत बदल दी. इस गाने के लिए उन्हें बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.


रोमांटिक गीतों से किया दिलों पर दशकों राज
यहीं से उदित नारायण का करियर आगे बढ़ा. वह बॉलीवुड में सबसे अधिक मांग वाले प्लेबैक सिंगर्स में से एक बन गए. उन्होंने अपने रोमांटिक गानों से दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया.



एक्टिंग डेब्यू 'कुसुमे रुमाल' नेपाल में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म
उदित नारायण ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत कुसुमे रुमाल (रेशमी रूमाल) नामक नेपाली फिल्म से की थी. 1985 में रिलीज हुई यह फिल्म 2001 की अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली नेपाली फिल्म बनी रही. यह नेपाल में 25 सप्ताह तक चलने वाली पहली फिल्म थी. बाद में इसे 'दर्पण छाया' ने गद्दी से उतार दिया.