कास्ट:  वरुण धवन, कियारा अडवाणी, अनिल कपूर, नीतू सिंह, टिस्का चोपड़ा, मनीष पॉल, प्राजक्ता कोहली 


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निर्देशक:  राज मेहता


स्टार रेटिंग: 3


कहां देख सकते हैं: थिएटर्स में


Jugjugg Jeeyo Movie Review: अगर आपको इस मूवी के क्लाइमैक्स से कोई परेशानी नहीं होती है और आप अनिल कपूर (Anil Kapoor) के डाई हार्ड फैन नहीं हैं, तो समझिए आपको काफी मजा आने वाला है इस मूवी में, वो भी इमोशंस के साथ.  फिर तो मूवी जुग जुग ना सही, कुछ हफ्तों तक तो चल ही जाएगी और हो जाएंगे पैसे भी वसूल. लेकिन ठीक उल्टा हुआ तो नतीजे भी उलट सकते हैं.


पंजाब में रहती है फैमिली


कहानी है पटियाला की एक पंजाबी फैमिली की, मुखिया हैं भीम सैनी (अनिल कपूर) जो अपनी पत्नी गीता (नीतू सिंह), बेटे कुक्कू (वरुण धवन) और बेटी गिन्नी (प्राजक्ता कोहली)  के साथ रहते हैं. उनकी एक फैक्ट्री है, सो पैसे की कोई कमी नहीं. बेटा कुक्कू बचपन की दोस्त नैना शर्मा (कियारा अडवाणी) से शादी करके उसके साथ कनाडा सेटल हो जाता है.


चूंकि वह खुद नैना की जॉब के लिए कनाडा जाता है, इसलिए खुद उसे बाउंसर की नौकरी करनी पड़ती है. जिससे वह जल्दी फ्रस्ट्रेशन में आ जाता है और दोनों में तनाव बढ़ता है. इसकी वजह से दोनों तलाक का मूड बना लेते हैं, लेकिन तय करते हैं कि पहले कुक्कू की बहन गिन्नी की शादी होगी. इसके बाद वे परिवार को बताएंगे.


सामने आता है पापा का अफेयर 


इधर नैना को न्यूयॉर्क की जॉब से पहले तलाक लेना है, सो वह कुक्कू पर दबाव बनाना शुरू कर देती है. इसके बाद कुक्कू अपने पापा को बताने की कोशिश करता है, लेकिन उसके पापा भीम सैनी उसे अपने अफेयर के बारे में बताकर उसकी मम्मी से तलाक की बात करके पूरी स्टोरी को ही नया मोड़ दे देते हैं. कहानी तब और उलझती है, जब गिन्नी का ब्वॉयफ्रेंड भी एंट्री लेता हैं. इस सारे पचड़े से निकालने में उसकी मदद करता है नैना का भाई और उसके बचपन का दोस्त गुरुप्रीत (मनीष पॉल).


यहां तक कहानी में काफी ट्विस्ट हैं, इमोशंस हैं, मस्ती है, कॉमेडी है, कारण जोहर की मूवीज की तरह ही उन्होंने इस होम प्रोडक्शन फिल्म में भी काफी लैविश सेट और रिच पंजाबी रंग दिखाए हैं. मनीष पॉल, अनिल कपूर के अलावा प्राजक्ता कोहली जैसे कॉमेडियन यूटूबर को भी रोल में लिया है. डायलॉग्स पर भी ऋषभ शर्मा ने काफी मेहनत की है, इससे पंच महसूस भी होता है.


फिल्म में अरेंज किया गया है म्यूजिक


इस फिल्म का म्यूजिक आजकल की मूवीज की तरह भानुमती का पिटारा है. एक पुराने पाकिस्तानी गाने को रीमिक्स किया. एक पुराने हिंदुस्तानी गाने को नए तरीके से गवाया. रफ्तार, तनिष्क बागची को जोड़ा, थोड़ा पंजाबी बीट मिक्स किया और हो गया कर्ण प्रिय म्यूजिक तैयार. उसी तरह डायरेक्टर राज मेहता भी इससे पहले दो-दो पंजाबी मूड की फिल्मों गुड न्यूज और कपूर एंड संस में असिस्टेंट डायरेक्टर रह चुके हैं. सो वैसी ही फ्लेवर, वैसी ही मस्ती, वैसी ही नोंकझोंक वाली मूवी बनाना आसान हो गया.


क्लाइमेक्स में उलझ गए राइटर-डायरेक्टर


लेकिन मूवी के साथ दिक्कत 2 हैं बस. एक तो ये कि आखिर में आकर राइटर और डायरेक्टर के सामने ये दिक्कत फंसती हैं कि रायता फैला तो दिया, अब समेटें कैसे यानी क्लाइमैक्स कैसे हो. तो जो क्लाइमैक्स इस मूवी का है, वो पसंद आ भी सकता है और आप उसे एक सिरे से खारिज भी कर सकते हैं. दूसरी दिक्कत अनिल कपूर के रोल से है. आप अपने पसंदीदा हीरो की कॉमेडी के नाम पर इतनी बेइज्जती देखना नहीं चाहते. आपका हीरो डॉन हो सकता है, डकैत भी लेकिन रिश्तों में चीपनेस दिखाए, ये नहीं चलता.


कलाकारों ने की है मस्त एक्टिंग


बाकी सब चंगा सी, चाहे कियारा हो या फिर वरुण (Varun Dhawan), नीतू सिंह हो या फिर अनिल कपूर, मनीष पॉल हो या टिस्का चोपड़ा, सबने मस्त एक्टिंग की है. स्क्रीन प्ले कसा हुआ है, डायलॉग्स मारक हैं, चुटीले हैं. सेट अच्छे डिजाइन किए गए हैं, सिनेमाटोग्राफी भी ठीक ठाक है. कई और किरदारों की कास्टिंग भी ठीक सी की गई है. सो अगर क्लाइमैक्स आपको जमा तो फिल्म को हिट होने से कोई नहीं रोक सकता.


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