Captain Anshuman Singh: एक्टर से राजनेता बनीं कंगना रनौत हर तरह के मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से रखती हैं. इसके साथ ही वे देश के लिए कुछ अच्छा करने वालों की तारीफ करने से भी जरा नहीं कतरारी हैं. हाल ही में कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा स्मृति सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिलने से कंगना रनौत भावुक हो गईं. उन्होंने सेरेमनी की एक इमोशनल तस्वीर अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में शेयर की और एक दिल छू लेने वाला पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने प्रेम की क्रूरता को लेकर बात कही.


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कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने इंस्टाग्राम स्टोरीज में नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह (Defence Investiture Ceremony) (फेज-1) के दौरान कैमरे में कैद किए गए मार्मिक पल को इंस्टाग्राम स्टोरीज पर शेयर किया. तस्वीर वीरता पुरस्कार प्राप्त करते हुए अंशुमन सिंह की युवा विधवा और मां की है.

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कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा को देख इमोशनल हुईं कंगना रनौत
इस तस्वीर को शेयर करते हुए कंगना रनौत ने लिखा, ''देश के लिए अपनी जान देने वाले कई सैनिकों को कल सम्मानित किया गया, पूर्वांचल के ऑफिसर अंशुमन सिंह की बेहद युवा और बेहद खूबसूरत विधवा को देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए.वह अभी भी अपने पति के प्यार में निराशाजनक रूप से डूबी हुई हैं. उन्होंने अपनी आंखों से बहते हुए आंसुओं के साथ अपने पति की इच्छा को दुनिया के सामने गर्व से बताया कि अंशुमन कहते थे कि मैं अपनी छाती पर ब्रास के साथ मरूंगा. मैं कोई सामान्य मौत नहीं मरना चाहता, जिसे कोई ना जाने.... उनकी क्लिप मेरे दिल को चीर रही है, प्यार करना आसान नहीं है, विरोधाभास यह है कि प्यार से ज्यादा क्रूर कुछ भी नहीं है.''



कैप्टन अंशुमन सिंह को मिला  कीर्ति चक्र
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मु ने हाल ही में कैप्टन अंशुमन सिंह को उनके साहसिक कार्यों के लिए कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया, जिन्होंने आग की घटना के दौरान एक साथी सेनाकर्मी की जान बचाई थी.आर्मी मेडिकल कोर, 26वीं बटालियन, पंजाब रेजिमेंट के डॉक्टर, कैप्टन अंशुमन सिंह को 'असाधारण बहादुरी और बड़ी आग की घटना में कई लोगों को बचाने के संकल्प' का प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया गया था. कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है.



लोगों को बचाते हुए शहीद हो गए कैप्टन अंशुमन सिंह
बता दें कि जुलाई 2023 में सियाचिन में तड़के करीब 3 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण भारतीय सेना के गोला बारूद भंडार में आग लग गई. कैप्टन अंशुमन सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कूड़े के ढेर के पास फाइबर-ग्लास की झोपड़ी में आग लगने के कारण उसमें फंसे लोगों को बहादुरी से बचाया. उन्होंने आग से खतरे में पड़े नजदीकी मेडिकल इंवेस्टिगेशन शेल्टर से जरूरी दवाएं हासिल करने की भी कोशिश की. दुखद बात यह है कि इस दौरान वह गंभीर रूप से जल गए और कुछ ही समय बाद उनकी मृत्यु हो गई.