नई दिल्ली: कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के ऑफिस के कुछ हिस्सों को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने अवैध बताया था. 9 सिंतंबर को ऑफिस में तोड़फोड़ की गई थी. इसका विरोध करते हुए कंगना रनौजत ने कानून का सहारा लिया था. इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कंगना के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बीएमसी के एक्शन को दुर्भावनापूर्ण रवैये करार दिया है. इस फैसले के आने से कंगना रनौत काफी खुश हैं. उन्होंने ट्विटर के माधयम से अपनी खुशी जाहिर की है. 


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कंगना का ट्वीट
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ट्वीट में लिखा, 'जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है. आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को भी धन्यवाद जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे. आपके खलनायक की भूमिका निभाने का सिर्फ एक कारण है कि मैं हीरो की भूमिका निभा सकूं.'


बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया आदेश
बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कंगना (Kangana Ranaut)  के ऑफिस के नुकसान का आकलन करने के आदेश दिए हैं. आकलन कर के अधिकारियों को अगले  साल मार्च तक रिपोर्ट सौंपनी है. नुकसान की भरपाई पर हाई कोर्ट फैसला रिपोर्ट आने के बाद सुनाएगा. वैसे कंगना के वकील का दावा है कि ऑफिस का 40 फीसदी हिस्सा ध्वस्त किया गया था. इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती संपत्ति भी शामिल हैं.


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जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया. फैसला सुनाते हुए कहा गया, 'जिस तरह से यह तोड़फोड़ की गई वह अनधिकृत था. ऐसा गलत इरादे से किया गया था. ये याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने का एक प्रयास था. अदालत ने अवैध निर्माण के बीएमसी के नोटिस को भी रद कर दिया है.'


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