Mulayam Singh Yadav Biopic: पहलवानी से राजनीति तक बहुत सारा एक्शन है ‘नेताजी’ पर बनी इस फिल्म में
Film On Mulayam Singh Yadav: करीब डेढ़-पौने दो साल पहले नेताजी के जीवन पर बांग्ला डायरेक्टर सुवेंदु राज घोष ने फिल्म बनाई थी, मैं मुलायम सिंह यादव. हालांकि फिल्म उस समय खास हलचल नहीं मचा सकी, लेकिन इसमें नेताजी के पारिवारिक जीवन से लेकर राजनीति में पैठ जमाने तक का लंबा सफर है.
Mulayam Singh Yadav Life Story: ‘जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करतीं.’ प्रसिद्ध समाजवादी नेता डॉ.राम मनोहर लोहिया की इस बात को मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में मंत्र की तरह उतार लिया था. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गांव सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव एक साधारण परिवार से थे और उनके पिता चाहते थे कि बेटा पहलवान बने. मगर मुलायम सिंह यादव के भाग्य में कुछ और लिखा था. स्थानीय नेता नाथूराम की नजर मुलायम सिंह पर तब पड़ी, जब उन्होंने इस युवा को अपने से दोगुने आकार के पहलवानों को अखाड़े में पछाड़ते देखा. उन्होंने मुलायम को अपने साथ राजनीति में जोड़ लिया. उन्हें अपने दौर के देश के सबसे बड़े नेताओं में शुमार डॉ. राम मनोहर लोहिया से मिलवाया. इन बातों के साथ अगर आप उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव की जिंदगी की और बातें जानना चाहते हैं तो उन पर बनी फिल्म ‘मैं मुलायम’ देखनी चाहिए.
मुलायम से नेताजी तक
निर्देशक सुवेंदु राज घोष की इस फिल्म का प्रीमियर जनवरी 2021 में कोलकाता में हुआ था. एक्टर अमित सेठी ने फिल्म में मुलायम सिंह यादव का किरदार निभाया था. घोष का कहना था, ‘मैं मुलायम सिंह यादव बिल्कुल भी राजनीति से प्रेरित फिल्म नहीं है. बल्कि यह उस युवक की कहानी है, जो उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों से उभर कर आया और लोगों के बीच नेताजी नाम से लोकप्रिय हुआ. कैसे नेताजी ने एक पहलवान बनने के साथ शुरुआत की और एक प्राइमरी टीचर की नौकरी करते हुए जनप्रिय समाजवादी नेता के रूप में उभरे.’ फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह ने मुलायम सिंह के भाई शिवपाल यादव की भूमिका निभाई थी. जबकि गोविंद नामदेव, मुकेश तिवारी, सुप्रिया कार्णिक और सजाजी शिंदे जैसे एक्टर भी अहम भूमिकाओं में थे. जनवरी 2021 में ही फिल्म थियेटरों में रिलीज हुई थी. हालांकि उस समय इसे कम देखा गया.
जिंदगी के रोचक पल
मैं मुलायम सिंह यादव नेताजी की जीवन यात्रा है. जिसमें पहलवानी से शुरुआत से लेकर करहल में उनके इंग्लिश टीजर के रूप में जॉब करते हुए राजनीति पर फोकस करने की कहानी है. कैसे लोहिया और उनके विचारों ने उन्हें प्रभावित किया. कैसे लोहिया के बाद वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के संपर्क में आए और उनसे राजनीति की बारीकियां सीखते हुए वह यूपी की राजनीति में बड़ा चेहरा बनकर उभरे. इमरजेंसी के दौर में मुलायम सिंह 19 महीनों तक जेल में रहे. फिल्म बताती है कि जिस दिन उन्होंने अपने करियर का पहला चुनाव जीता, उसी दिन उन पर गोली चली. मैं मुलायम सिंह यादव नेताजी के जीवन के कुछ ऐसे ही रोचक पलों को भी सामने लाती है.
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