Mardaani 2 Movie Review: रेप के खिलाफ देश के गुस्से को पर्दे पर लाती है रानी मुखर्जी की ये फिल्म
फिल्म `मर्दानी 2 (Mardaani 2)` में एक बार फिर दमदार पुलिस अधिकारी `शिवानी शिवाजी रॉय` (रानी मुखर्जी) महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के विरोध में मोर्चा खोले नजर आ रही हैं.
नई दिल्ली: इन दिनों देश के हालातों (निर्भया केस और हैदराबाद केस) के सुर्खियों में आने के बाद से ही लोगों को रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) की फिल्म 'मर्दानी 2 (Mardaani 2)' का बेसब्री से इंतजार था. यह फिल्म आज यानी 13 दिसंबर 2019 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म यशराज बैनर के तले बनाई गई है वहीं फिल्म गोपी पुथरन ने निर्देशित की है. आइए जानते हैं कि यह फिल्म कैसी है.
फिल्म 'मर्दानी 2 (Mardaani 2)' में एक बार फिर रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) एक निडर पुलिस अफसर की भूमिका में हैं, यह साल 2014 में आई फिल्म 'मर्दानी (Mardaani)' का सीक्वेंस है. फिल्म में एक बार फिर दमदार पुलिस अधिकारी 'शिवानी शिवाजी रॉय' (रानी मुखर्जी) महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के विरोध में मोर्चा खोले नजर आ रही हैं.
ऐसी है कहानी
फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. ट्रेलर से ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि ये महिलाओं की सुरक्षा और लैंगिक असमानता जैसे मुद्दों को दर्शाती नजर आएगी. लेकिन फिल्म ट्रेलर के मुकाबले कहीं ज्यादा अपने मुद्दों को पर्दे पर लाने में सफल नजर आती है. इस फिल्म में रानी मुखर्जी एक ऐसे अपराधी (विशाल जेठवा) को पकड़ती नजर आती हैं जो बेदर्दी से लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता है और बेहद क्रूर तरीके से उनकी हत्या कर देता है. इतना ही नहीं यह अपराधी इतना साइकिक है कि अपराध करने से पहले पुलिस को बताता भी है. बस इसी क्लू के पीछे भागते रानी मुखर्जी उस तक पहुंचने की कोशिश करती है.
कमजोर दिल वालों के लिए है यह सलाह
इन अपराधों को नेचुरल दिखाने के लिए 'मर्दानी 2' के निर्देशक गोपी पुथरन ने काफी मेहनत की है. लेकिन यहां फिल्म कई बार इतनी दर्दनाक हो जाती है कि देखते हुए कई बार दिल सिहर जाता है. लेकिन इन दिनों सामने आने वाली घटनाओं से फिल्म पूरी तरह रिलेवेंट नजर आती है. फिल्म में रानी का गुस्सा पूरे समाज में रेपिस्टों के खिलाफ गुस्से को जाहिर करता है. तब भी अगर आप कमजोर दिल के हैं तो फिल्म देखते हुए कई बार आंखें बंद करनी पड़ कसती हैं.
ये है खासियत
गोपी पूथरन ने फिल्म के डायरेक्शन से लेकर कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग का काम बेहतरीन ढंग से संभाला है. यहां हर मामले में निर्देशक पूरी तरह से खरे उतरते नजर आते हैं. फिल्म पूरी तरह कसी हुई नजर आती है कहीं भी एक पल के लिए आपको फिल्म जबरन खींची नहीं दिखती. फिल्म का फर्स्ट हॉफ काफी दिलचस्प है वहीं सेकेंड हॉफ अपराधी के करीब पहुंचने की कोशिशों ने रोचक बनाया है.
इस फिल्म में रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) के साथ राजेश शर्मा (Rajesh Sharma), श्रुति बापना (Shruti Bapna), विक्रम सिंह चौहान (Vikram Singh Chauhan), दीपिका अमीन (Deepika Amin) ने भी काफी अहम किरदार निभाए हैं. राजेश शर्मा ने हर बार की तरह इस बार भी अपने किरदार में जान डाली है. वहीं डॉक्टर के किरदार में श्रुति बापना काफी दमदार लगी हैं.