मारुतूर गोपालन रामचंद्रन उर्फ MGR. शानदार एक्टर और राजनेता. फिल्मों में खूब नाम कमाने के बाद वह राजनीति में आ गए. पहले कांग्रेस, फिर डीएमके और फिर अन्नाद्रमुक से जुड़े. एमजीआर 1977 से 1987 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी रहे. लेकिन क्या आप जानते हैं MG रामचंद्रन पर जानलेवा हमला हुआ था. वो भी उनके जानकार और विलेन ने किया था. एक्टर के घर चाय पर चर्चा करते हुए उन्हीं पर दो गोलियां दाग दी गई. बहुत ही मुश्किल से एक्टर व राजनेता की जान बचाई गई. आइए MG रामचंद्रन  के बर्थडे पर उनकी जिंदगी के सबसे डरावने किस्से के बारे में बताते हैं.


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पहला तो ये जान लीजिए कि MG रामचंद्रन  पर हमला करने वाला कौन था. ये कोई आम इंसान या फिर गुंडा मवाली नहीं बल्कि मशहूर एक्टर व फिल्मों का विलेन था. जी हां, 'नसीब अपना अपना' फिल्म की चंदो उर्फ राधिका के पिता एमआर राधा. जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. लेकिन वह अपने गुस्से और अजीब हरकतों की वजह से भी जाने जाते थे.


वो दिन जब एमजी रामचंद्रन पर चली गोली



उनकी ही सनकपन थी कि MG रामचंद्रन की जान जाते जाते बची थी. बात है 12 जनवरी 1967 की. जब  MR राधा और साउथ फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर के के वासू एक आगामी प्रोजेक्ट पर चर्चा करने MG रामचंद्रन के घर पर पहुंचे. सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन बातचीत के दौरान कुछ बहस शुरू हो गई जिसके बाद जो हुआ वो आजतक कोई भूला नहीं पाया है.


लुंगी से गोली निकाली और फिर...
बहस के बाद एम आर राधा उठकर खड़े हो गए जिसके बाद एमजीआर ने उन्हें बैठने को कहा. तभी राधा ने गुस्से में तमतमा गए और अचानक लुंगी से गन निकाली और एक्टर की पर धाय-धाय चला दी. एक गोली एमजीआर के सीधे कान के पास लगी तो एक गले में जाकर फंस गई. ये सब इतना अचानक हुआ कि सब हक्का बक्का रह गए. 


खुद पर भी चलाई गोली



हैरानी तो तब हुई जब एमआर राधा ने अगली गोली खुद पर तान ली. उन्होंने अपनी कनपट्टी पर दो गोलियां धड़ाधड़ चलाई और जमीन पर गिर पड़े. शुक्र इस बात का रहा कि इस घटना के बाद दोनों ही बच गए. दोनों एक ही अस्पताल में भर्ती थे और एक ही डॉक्टर ने उनकी सर्जरी की थी. इस हादसे के बाद एमजीआर को एक कान से सुनना बंद हो गया और गले पर गोली लगने की वजह से आवाज भी बिगड़ गई थी.


15 मिनट में 50 हजार लोग जमा हुए



दूसरी ओर, एमजीआर की गोली लगने की खबर आग की तरह फैल गई. लोग 15 मिनट के अंदर अस्पताल के बाहर जमा हो गए. कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि करीब 50 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे. वहीं कुछ लोग एमएर राधा की जान लेने को भी तैयार हो गए थे. हालात ये हो गए थे कि पुलिस को एक्स्ट्रा फोर्स बुलानी पड़ गई थी.


एमआर राधा को हुई जेल



एमजीआर पर गोली चलाने वाले एमआर राधा जब ठीक हुए तो अस्पताल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया औऱ उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई. कहते हैं कि कोर्ट में राधा के वकील ने कहा था कि वह झूठ बोले तभी बच पाएंगे लेकिन उन्होंने झूठ बोलने से मना कर दिया और अपना गुनाह कुबूल कर लिया था.