Miss India: एक और मिस इंडिया आई बॉलीवुड में; इस डायरेक्टर ने दिया चांस, ये है फिल्म की रिलीज डेट
Miss India In Bollywood: एक्टिंग की दुनिया में आने के जो रास्ते हैं, उनमें रंगमंच से लेकर मॉडलिंग और सौंदर्य प्रतियोगिताएं तक शामिल हैं. दर्जनों हीरोइनें सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतकर बॉलीवुड में आती रही हैं. निर्देशक मधुर भंडाकर अपनी अगली फिल्म में एक और खूबसूरत चेहरे को लॉन्च कर रहे हैं.
Film India Lockdown: 1950 के दशक से देश की तमाम मिस इंडिया प्रतियोगिताओं में जीत का परचम लहराने वाली सुंदरियां बॉलीवुड में आती रही हैं. नूतन से लेकर जीनत अमान, मीनाक्षी शेषाद्री, जूही चावला, ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन, प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता समेत नेहा धूपिया, सेलिना जेटली, दिया मिर्जा, गुल पनाग, तापसी पन्नू से होते हुए मानुषी छिल्लर जैसी अभिनेत्रियां तक सौंदर्य प्रतियोगिताओं के रास्ते फिल्मों में आई हैं. अब ऐसी प्रतियोगिताओं के रास्ते बॉलीवुड में आ रही सुंदरियों में एक नाम और जुड़ गया है, आयशा एस. एमन. ग्लैम मिस इंडिया आयशा ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वह पटना की रहने वाली हैं. 2015 में वह ग्लैम मिस इंडिया इंटरनेशनल रही थीं और उन्होंने टोक्यो में मिस इंटरनेशनल 2015 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
इसके बाद एके 47
आयशा एस. एमन दो दिसंबर को जी5 पर आने वाली निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म इंडिया लॉकडाउन से फिल्मों में डेब्यू कर रही हैं. मधुर ने अक्सर अपनी फिल्मों में नए चेहरों को लॉन्च किया है और वह नायिका प्रधान फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. आयशा की यह पहली फिल्म है, लेकिन वह इस फिल्म के बाद लगातार स्क्रीन पर दिखाई देंगी. पिछले दिनों उन्होंने एक वेबसीरीज एके 47 भी साइन की है. इस फिल्म में उनके साथ रवि किशन और शेखर सुमन जैसे सितारे नजर आएंगे. सीरीजी की शूटिंग शुरू हो चुकी है. आयशा अपने करियर के अपडेट्स लगातार इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं और उनके दस लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं.
सब्जेक्ट है महत्वपूर्ण
आयशा बॉलीवुड में अपनी एंट्री को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उन्होंने मधुर की फिल्म से करियर शुरू करने के बारे में कहा कि मैंने इस फिल्म में अपने किरदार की लंबाई नहीं देखी, बल्कि यह देखा कि इसका सब्जेक्ट क्या है. यह फिल्म कोविड 19 की कहानी कहती है और बताती है कि कैसे हर व्यक्ति ने अपनी-अपनी तरह से इस महामारी के दौर का मुकाबला किया. वास्तव में कोविड ने लोगों को न केवल एक साथ इकट्ठा किया, बल्कि उन्हें मजबूत भी बनाया. मधुर की यह फिल्म कोरोना काल की सत्य घटनाओं पर आधारित है. जिसमें लोगों पर कोरोना का असर बताया गया है कि कैसे जब इस महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया तो करोड़ों लोगों की जिंदगी अस्तव्यस्त हो गई.
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