Bollywood Actresses: पर्दे पर अपना नाम पहले न देख कर भड़क गई थी ये हीरोइन, कहा- रेखा से गई गुजरी नहीं हूं
Actresses in hindi cinema: बॉलीवुड में हमेशा ही एक फिल्म में दो हीरोइनें चर्चा का मुद्दा बनती रही हैं. निर्माता-निर्देशक को दोनों को खुश रखने में मुश्किल आती हैं. क्या हुआ जब मौसमी चटर्जी और रेखा एक फिल्म में साथ आईं.
Rekha Films: सब जानते हैं कि रेखा को फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने और आज वह जहां है, उस ऊंचाई को हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. जब वह फिल्म इंडस्ट्री में आई थीं तो किसी ने उन्हें एक्सेप्ट नहीं किया. उस समय रेखा उतनी खूबसूरत नहीं थीं, जितनी बाद में पर्दे पर दिखीं. उस समय कई लोगों ने उन्हें हीरोइन के हिसाब से मोटी कहा और उनके रंग को लेकर भी ताने मारे. उनकी पहली फिल्म के हीरो नवीन निश्चल ने तो उनके साथ काम करने तक से इंकार कर दिया था, जो कि दोनों की ही पहली फिल्म थी. सिर्फ नवीन निश्चल ही नहीं और भी कई हीरो, यहां तक कि उस दौर की हीरोइनें भी रेखा को अपने से कम समझती थीं. यही देखने को मिला उस दौर की फिल्म भोला भाला (1978) के दौरान.
पहले मैं, पहले मैं
इस फिल्म में रेखा के साथ राजेश खन्ना, मौसमी चटर्जी, देवेन वर्मा तथा जगदीप जैसे कलाकारों की मुख्य भूमिका थी. दो हीरोइन एक फिल्म में होने के कारण यहां एक-दूसरे से कॉम्पिटिशन स्वभाविक था. बात तब बढ़ी जब खबरें आईं कि मौसमी चटर्जी ने फिल्म निर्माताओं को अल्टीमेटम दे दिया कि फिल्म में उनका नाम रेखा से पहले दिया जाए. एक इंटरव्यू के दौरान मौसमी से पत्रकारों ने अल्टीमेटम पर सवाल किए तो उनका कहना था कि मैंने ऐसा कोई अल्टीमेटम नहीं दिया. मैं दूसरी हीरोइनों की तरह पब्लिसिटी की भूखी नहीं हूं. मैं नाम में नहीं, काम में विश्वास रखती हूं. जहां तक काम का संबंध है, मैं समझती हूं कि मैं रेखा से गई गुजरी नहीं हूं. फिर भी यह जरूरी है कि मेरा नाम उससे पहले दिया जाए. इसमें हर्ज भी क्या है.
क्या किया निर्माता ने
मौसमी ने अल्टीमेटम वाली अफवाहों का ठीकरा मीडिया के माथे फोड़ा और कहा कि जहां दो हीरोइनें होती हैं, वहां ऐसी बातें न चाहते हुए भी अपने आप पैदा हो जाती हैं. अगर निर्देशक इंसाफ पसंद हो तो ऐसे झगड़े खड़े ही नहीं होते. लेकिन ऐसे निर्माता-निर्देशक कम हैं जो खुद के दिमाग से काम करें. मैंने इसीलिए भविष्य में दो हीरोइनों की फिल्मों में काम न करने का फैसला किया है. खैर, निर्माता-निर्देशक ने फिल्म में पहले रेखा का नाम दिया और बाद में मौसमी का. जबकि फिल्म में मौसमी हीरो राजेश खन्ना के अपोजिट बड़ी भूमिका में थीं. मौसमी चटर्जी उस समय के मशहूर संगीतकार हेमंत कुमार की बहू थीं. उन्होंने बांग्ला फिल्मों से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. उनकी पहली बांग्ला फिल्म बालिका वधू और पहली हिंदी फिल्म अनुराग थी. अनुराग में उन्होंने अंधी लड़की का किरदार निभाया था. इंडस्ट्री में तब माना जाता था कि शादी होने पर हीरोइन का कैरियर खत्म हो जाता है, जबकि मौसमी ने शादी ही नहीं, बल्कि एक बच्ची की मां बनने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाए.
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