Nadira: हिंदी फिल्मों के इतिहास में अगर कोई एक्ट्रेस अपनी खूबसूरती और टैलेंट के बावजूद हीरोइन नहीं बन सकी तो वह थीं, नादिरा. यूं तो उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम शुरू किया था, परंतु बतौर नायिका उन्हें बड़ा ब्रेक मिला था फिल्म आन (1952) में. निर्माता-निर्देशक महबूब खान की फिल्म में वह दिलीप कुमार के अपोजिट एक राजपूत राजकुमारी की भूमिका में थीं. खूबसूरती ने उन्हें लंबी फैन फॉलोइंग दिलाई थी. लेकिन कुछ ही साल बाद जब राज कपूर ने उन्हें फिल्म श्री 420 (1955) में हाथों में सिगरेट लिए कश खींचते और धुएं के छल्ले उड़ाते दिखाया, तो नादिरा का करियर हीरोइन के रूप में खत्म हो गया. वह हीरोइन से सीधे वैंप यानी खलनायिका बन गईं.


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पोस्टर सेक्सी, घर में पर्दा
नादिरा के साथ उनकी श्री 420 वाली छवि ताउम्र लगी रही और वह कभी इससे बाहर नहीं आ सकीं. इस फिल्म ने उन्हें असीम शोहरत तो दी मगर हीरोइन के रूप में करियर खत्म कर दिया. नादिरा ने श्री 420 की इमेज से उबरने के लिए फिल्मों से एक छोटा ब्रेक लिया था. इस दौरान उन्हें हिंदी फिल्मों के चर्चित गीतकार नक्शाब से प्यार हुआ. शादी हुई. लेकिन चल नहीं सकी. असल में नादिरा स्टार थीं और उनके कई पुरुष मित्र और प्रशंसक थे. नादिरा से शादी के बाद नक्शाब फिल्म निर्माता बन गए. उन्होंने अपनी फिल्मों, नगमा और रफ्तार में नादिरा को हीरोइन बनाया. मगर उनके दोहरे मापदंड थे. उन्होंने फिल्मों के पोस्टरों के लिए नादिरा को सेक्सी अंदाज में पोज करवाया, लेकिन घर में पर्दे में रखते थे. हद तो तब हो गई जब नक्शाब ने इंडस्ट्री में कहना शुरू किया कि उन्होंने नादिरा ने शादी नहीं की, बल्कि दोनों लिव-इन में रह रहे हैं. जैसे ही नादिरा को पता चला, उन्होंने तुरंत नक्शाब का घर छोड़ दिया.


सपनों का राजकुमार
बाहर समस्या यह थी कि नादिरा को अब कोई हीरोइन नहीं बना रहा था. निर्माता उन्हें फिल्मों में ग्लैमरस कपड़ों में सिगरेट और शराब पीने वाली खलनायिका के ही रोल दे रहे थे. लगभग इसी समय नादिरा ने दोबारा शादी की. फिर उन्हें धोखा मिला. इस बार उनकी जिंदगी में एक अरब आया. उससे दावा किया कि वह एक राज परिवार से है. वह अपना राज्य नादिरा के कदमों में रख देगा. शादी के बाद पता चला कि सारी बातें झूठ थीं. यह शादी हफ्ते भर भी नहीं चली. नादिरा ने तत्काल उस ठग को छोड़ दिया. बाद में नादिरा ने बताया कि इस व्यक्ति की नजर सिर्फ उनके पैसों पर थी.


पहली रॉल्स रॉयस
दो नाकाम शादियों के बाद नादिरा ने वही भूमिकाएं स्वीकार करनी शुरू कर दीं, जो ऑफर हो रही थीं. वे वैंप के रोल में आईं और फिर धीरे-धीरे कैरेक्टर रोल निभाने लगीं. इस दौरान उनका नाम दिग्गज एक्टर मोतीलाल से जुड़ा. लेकिन जल्द ही नादिरा का करियर ढलान पर आ गया. एक समय नादिरा हिंदी फिल्मों की सबसे महंगी एक्ट्रेसों में थीं. वह पहली अभिनेत्री थीं, जिन्होंने रॉल्स रॉयस कार खरदी थी. नादिरा यहूदी परिवार से थीं और उनका परिवार 1950 के दशक में इराक से मुंबई आया था. नादिरा के दो भाई थे. जो बाद में क्रमशः अमेरिका और इजरायल चले गए. मगर नादिरा हमेशा के लिए हिंदुस्तान में रह गईं.