नीना गुप्ता बोलीं, `मर्दों को अपनी जिंदगी में अहमियत देना मेरी सबसे बड़ी गलती थी`
अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि पुरुष मेरी प्राथमिकता बन गए थे और यह मेरी बड़ी गलती थी. मेरा ध्यान करियर बनाने से हटकर सही पार्टनर चुनने पर केंद्रित हो गया.
नई दिल्ली: अपने समय की प्रसिद्ध एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने कुछ समय पहले अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट से सभी को चौंका दिया. इस पोस्ट में नीना गुप्ता ने खुलकर बॉलीवुड में काम न मिलने की बात कही और अपने लिए काम भी मांगा. इसके बाद से ही नीना को लगातार काम मिल रहा है और वह गुरुवार को रिलीज हो रही फिल्म 'बधाई हो' में एक बेहद दमदार किरदार में नजर आने वाली हैं. ऐसे में नीना गुप्ता का कहना है कि पुरुषों को प्राथमिकता बनाना उनकी जिंदगी की बड़ी गलती थी, जिसकी वजह से उनका ध्यान करियर से हटकर सही पार्टनर चुनने पर केंद्रित हो गया.
‘खानदान’, ‘भारत एक खोज’, ‘सांस’ जैसे टीवी शो और ‘वो छोकरी’, ‘गांधी’ एवं ‘मुहाफिज’ जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध नीना (64) ने कहा कि अच्छा रिश्ता बनाए रखने की चाहत ने करियर से उनका ध्यान भटकाया. बता दें कि 80 के दशक में नीना गुप्ता का रिश्ता वेस्ट इंडीज के पूर्व क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स से था. इसके बाद नीना ने रिचर्ड की बेटी मसाबा को जन्म दिया. नीना ने न्यूज एजेंसी भाषा से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं हमेशा अच्छा काम करना चाहती थी और दमदार भूमिकाएं निभाना चाहती थी. लेकिन अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि पुरुष मेरी प्राथमिकता बन गए थे और यह मेरी बड़ी गलती थी. मेरा ध्यान करियर बनाने से हटकर सही पार्टनर चुनने पर केंद्रित हो गया. महिलाओं की जिंदगी में पुरुष कभी प्राथमिकता नहीं होने चाहिए.’
सोमवार को नीना गुप्ता दिल्ली में अपनी फिल्म 'बधाई हो' के प्रमोशन के दौरान कुछ ऐसे नजर आईं. ( फोटो साभार : Yogen Shah )
हम परिवार को निजी लक्ष्यों से ऊपर रखते हैं
'बधाई हो' से पहले नीना 'वीरे दी वेडिंग' और 'मुल्क' जैसी फिल्मों में अहम किरदार में नजर आ चुकी हैं. नीना ने आगे कहा, ‘‘मैं वाकई अच्छा काम कर रही थी. मैं लिख रही थी, निर्देशन कर रही थी और टीवी पर कुछ बेहतरीन चीजों का निर्माण कर रही थी. निजी जिंदगी में मैं जिन चीजों से गुजरी, मेरी पेशेवर पसंद-नापसंद पर उसका गहरी छाप पड़ी.’ नीना ने कहा कि महिलाओं की परवरिश ही कुछ ऐसी होती है कि उन्हें अपने रिश्तों को निजी लक्ष्यों से ऊपर रखना पड़ता है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसे पुरुष को तलाशना लगभग नामुमकिन है जो अपने बराबर या अपने से ऊंचे दर्जे की महिलाओं का साथ निभा सके. ऐसे पुरुष इस दुनिया में अब भी नहीं हैं. एक तरह से हमें हमेशा अपनी जिंदगी में तकलीफों का सामना करना होगा.' नीना ने कहा, ‘‘यदि हम सख्ती से काम लें तो समस्या, यदि हम ऐसा न करें तो भी समस्या. मुझे नहीं लगता कि कोई महिला अपनी जिंदगी या अपने साथ होने वाले बर्ताव से पूरी तरह खुश होती है.’
#MeToo पर बोलीं नीना गुप्ता
नीना का मानना है कि ‘मी टू’ मुहिम से भारत में हालात बहुत हद तक बदलेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मी टू’ ने पूरे फिल्म जगत को हिलाकर रख दिया है. लेकिन दुख की बात है कि ऐसी घटनाओं को साबित करना बहुत मुश्किल है. कॉलेज, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों में मुझे ऐसी कई घटनाओं का सामना करना पड़ा. मैं नहीं समझ पाती कि अगर कोई शख्स मुझे पकड़ रहा है या गलत तरीके से छू रहा है तो उसका सबूत कैसे दूं. हम यही कर सकते हैं कि या तो इसके आदी हो जाएं या इससे बचने के भरसक प्रयास करें.'