Nepalese Royal Massacre: मोहब्बत में अंधे प्रिंस ने मां-बाप समेत 9 को मारी गोली, या कुछ और है कहानी
Nepal Kingdom: नेपाल को यूं तो शांतिप्रिय देश कहा जाता है. लोग वहां आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं. लेकिन 22 साल पहले नेपाली राजमहल अचानक गोलियों की आवाजों से दहल गया था. भयानक बात यह थी कि वहां के युवराज ने अपने परिवार के लोगों पर रायफल का मुंह खोल दिया था. जिसमें उसके माता-पिता-भाई समेत नौ लोग मारे गए थे.
Indian Princesses: राज परिवारों में खून खराबे की कहानियां पूरे संसार में मिलती हैं. इसकी आम तौर पर दो वजहें होती हैं, एक ताज और दूसरी मोहब्बत. आज से 22 साल पहले नेपाल के राजघराने में हुए हत्याकांड ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया था. नेपाल राजघराने के युवराज दीपेंद्र ने शाम को डिनर पार्टी में पिता नरेश बीरेंद्र बिक्रम और रानी ऐश्वर्या को गोली मार दी. इसके बाद भी युवराज की राइफल नहीं थमी और वह गोलियां बरसाते गए. जिसमें वहां मौजूद सात और लोगों की जान गई. जिनमें उनके चाचा, दो बुआ, एक फूफा, दो भाई और एक चचेरी बहन शामिल थे. चार घायल हुए थे. इस हत्याकांड को लेकर बहुत सारी वजहें बाद में आती रहीं, लेकिन मुख्य रूप से यह कहा गया कि युवराज को उनकी मां अपनी मर्जी से शादी करने की इजाजत नहीं दे रही थीं.
राजपरिवार का तनाव
बताया जाता है कि 29 साल के युवराज दीपेंद्र पर परिवार की तरफ से शादी का दबाव था. रानी ने उन्हें परिवार की मौजूदगी में शादी की बात करने बुलाया था. रानी ने युवराज से कहा कि वह उनके लिए लड़की देख रही हैं, तब दीपेंद्र ने कहा कि अपने लिए लड़की उन्होंने पसंद कर ली है और वह उससे ही विवाह करेंगे. उस पर मां ने उन्हें सख्ती से इंकार कर दिया. यह लड़की एक भारतीय राजघराने से थी, जिसका नाम था देवयानी. इसका संबंध ग्वालियर राजघराने से थे. युवराज को उम्मीद नहीं थी परिवार उनके खिलाफ जाएगा. लेकिन रानी ऐश्वर्या ने बेटे के लिए राजमाता रत्ना की बहन के खानदान से बहू का चुनाव कर लिया था.
बढ़ गया गुस्सा
युवराज की पसंद पर नारायणहिती राजमहल में तनाव का माहौल था. इस बीच दीपेंद्र ने परिवार को मनाने की कुछ और कोशिशें की. साथ ही देवयानी की कुंडली भी मां को दी. रानी ऐश्वर्या ने जब कुंडलियों का मिलान कराया, तो वह नहीं मिली. इस बीच दीपेंद्र और देवयानी का साथ कायम था. परंतु नेपाली राजपरिवार ने अपना रुख अडिग रखा. तब दीपेंद्र के परिजनों से झगड़े शुरू हो गए. सबने दीपेंद्र को समझाया गया कि उन्हें ढंग से पेश आना चाहिए. दीपेंद्र के पिता ने राजनीति से जुड़े कुछ फैसलों पर भी असहमति जताई थी. जिससे युवराज का गुस्सा बढ़ गया था.
फिर हो गया हादसा
इसी दौरान तय हुआ कि एक जून के फैमिली डिनर में दीपेंद्र की शादी पर कोई रास्ता निकाला जाएगा. लेकिन डिनर में कुछ तय नहीं हुआ. दीपेंद्र ने नशा कर रखा था और उसने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया. तब रिश्तेदारों ने मिलकर उसे कमरे में पहुंचा दिया. बताया गया कि वहां पहुंचकर दीपेंद्र ने देवयानी से बात की और कहा कि वह सोने जा रहा है. मगर थोड़ी ही देर बाद वह आर्मी के जवान की तरह घातक हथियारों से लैस होकर डिनर हॉल में पहुंच गया और राजपरिवार पर गोलियां बरसा दी. बताया जाता है कि उस समय युवराज के पास एक रायफल, एक गन और दो पिस्टल थी. सब पर गोलियां बरसाने के बाद दीपेंद्र ने खुद को गोली मार ली. हालांकि दीपेंद्र की मौत तीन दिन बाद अस्पताल में हुई.
थ्योरी और भी
एक जून 2001 की इस घटना ने सब तरफ हड़कंप मचा दिया. नेपाल की राजगद्दी के लिए नरेश बीरेंद्र बिक्रम का कोई वारिस नहीं बचा. घटना के वक्त देवयानी नेपाल में थी और अगले दिन तत्काल वह भारत चली आईं. हालांकि कई लोग इस घटना को झूठ बताते हैं और तरह-तरह की थ्योरी पेश करते हैं. किसी थ्योरी में कहा गया कि राज परिवार में दीपेंद्र ने नहीं बल्कि महल में घुसे दो नकाबपोशों ने गोलियां चलाई थीं. जिनका आज तक पता नहीं चला. अन्य थ्योरी में कहा गया कि यह घटना रॉ ने अंजाम दी. किसी ने कहा कि नरेश बीरेंद्र बिक्रम के छोटे भाई, जो उस डिनर में नहीं थे, यह उनका षड्यंत्र था. एक थ्योरी में कहा गया कि नेपाल राजपरिवार के बदनाम प्रिंस पारस ने यह कांड करवाया. हादसे के समय पारस शाही महल में ही मौजूद था, लेकिन उसे खरोंच तक नहीं आई. इस पूरे हत्याकांड पर बीबीसी ने डॉक्युमेंट्री बनाई. साथ ही अमेजन प्राइम पर भी जीरो आवर सीरीज के तहत इस शाही हत्याकांड पर डॉक्युड्रामा बना. इसे आप यू-ट्यूब पर देख सकते हैं.