Bollywood Retro: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)  ने 'आराधना', 'कटी पतंग', 'हाथी मेरे साथी' और 'अमर प्रेम' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अपने प्रदर्शन से फैन्स का दिल जीता. उनके द्वारा निभाए गए एक किरदारों ने दर्शकों के मन पर कभी न भूलने वाली छाप छोड़ी है. भारतीय सिनेमा के दिलों की धड़कन राजेश खन्ना ने ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) की फिल्म 'आनंद' में आनंद सहगल के रूप में अपने अभिनय से लाखों लोगों को रुला दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस किरदार के लिए राजेश खन्ना पहली पसंद नहीं थे. 


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आज हम आनंद (Anand) की भूमिका निभाने के लिए किसी और की कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि राजेश खन्ना से पहले इस रोल के लिए किसी और एक्टर से संपर्क किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऋषिकेश मुखर्जी ने राज कपूर (Raj Kapoor) को ध्यान में रखकर आनंद के किरदार की कल्पना की थी.  हालांकि, अभिनेता और फिल्म निर्माता राज कपूर ने स्वास्थ्य समस्याओं के कारण फिल्म को ठुकरा कर दिया.


राज कपूर के बाद शशि कपूर को ऑफर हुई थी फिल्म
ऋषिकेश मुखर्जी राज कपूर की स्थिति को समझते थे और उनकी अस्वीकृति से सहमत थे. राज कपूर के बाद निर्देशक ने मुख्य भूमिका के लिए उनके भाई शशि कपूर से संपर्क किया. शशि कपूर (Shashi Kapoor) ने स्क्रिप्ट पढ़ी और उन्हें यह कुछ खास नहीं लगी. ऐसे में उन्होंने भी यह फिल्म ठुकरा दी. ऋषिकेश ने यह फिल्म अपने करीबी दोस्त राज को समर्पित की, जो उन्हें प्यार से 'बाबू मोशाय' कहकर बुलाते थे. कथित तौर पर ऋषिकेश मुखर्जी ने यह फिल्म तब लिखी थी, जब राज बीमार थे.


'आनंद' को मिला दर्शकों और क्रिटिक्स का प्यार
कपूर भाइयों के फिल्म ठुकराने के बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने राजेश खन्ना को फिल्म के लिए अप्रोच किया और वह मान गए. 12 मार्च 1971 को रिलीज हुई 'आनंद' को दर्शकों और क्रिटिक्स सबका भरपूर प्यार मिला. फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और कई पुरस्कार भी जीते, जिसमें राजेश के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल था. 'आनंद' पूरी तरह से अकीरा कुरोसावा की 'इकरू' (1952) पर आधारित है और इसे 'चित्रशालाभम' (1998) नाम से मलयालम में भी बनाया गया था.



राजेश खन्ना की एक्टिंग और डायलॉग आज भी जेहन में ताजा
इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में राजेश ने मुख्य किरदार निभाया था. यह एक जीवंत और लापरवाह व्यक्ति की कहानी है, जो हर पल जीने में विश्वास करता है. यह शख्स एक मुस्कान के साथ आंत के लिम्फोसारकोमा से लड़ता है. अपने अंतिम दिनों में आनंद एक डॉक्टर बनर्जी (अमिताभ बच्चन) से मिलता है और उसे जीवन का सही अर्थ सिखाता है. इस फिल्म में राजेश खन्ना की एक्टिंग और उनके डायलॉग आज भी फैंस के दिलोंदिमाग में ताजा हैं.