कई बार फेल होकर बनाई पहचान, `पंचायत` के `बनराकस` खुलकर जीते हैं जिंदगी; नहीं होते एक्टर तो बन गए होते...
Durgesh Kumar: हाल ही में `पंचायत` के बनराकस यानी दुर्गेश कुमार ने जी न्यूज के शो `एक भारत श्रेष्ठ भारत` पर अपनी जिंदगी और एक्टिंग करियर के बारे में खुलकर बात की और बताया कि कैसे उन्होंने अपने जर्नी की शुरुआत की. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि क्यों पहले उन्होंने आमिर खान और किरण राव की फिल्म `लापता लेडीज` में काम करने से मान कर दिया था.
Panchayat Fame Durgesh Kumar Interview: हाल ही में फेमस वेब सीरीज 'पंचायत' में बनराकस का किरदार निभाने वाले दुर्गेश कुमार ने जी न्यूज के शो 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पर अपनी जिंदगी और अपने करियर को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने कई सवालों के ऐसे जवाब दिए, हर किसी को इंप्रेस कर सकते हैं. उनके जवाबों से कोई भी प्रेरणा ले सकता है. दुर्गेश कुमार ने अपने जर्नी की शुरुआत के साथ-साथ ये भी बताया कि क्यों पहले उन्होंने आमिर खान और किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' में काम करने से मान कर दिया था.
दुर्गेश कुमार ने बताया कि जब उनके पास आमिर खान और किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज', जो ऑस्कर 2025 में जाने वाली है, के लिए फोन आया था कि उनको ऑडिशन में पास कर दिया गया और वो इस फिल्म में एक रोल के लिए चुने गए हैं तो उन्होंने इसके के लिए पहले मना कर दिया था, जिसके पीछे का कारण थे उनके पिता की बिगड़ी सेहत. वो अपने पिता को छोड़कर कहीं जाना नहीं चाहते हैं, लेकिन बाद में उनके भाई ने उन्हें समाझाया और कहा वो अपने काम पर ध्यान दे उनके पिता की वो अच्छे से देखभाल कर लेंगे.
एक या दो नहीं.. कई बार फेल होकर बनाई पहचान
इसके अलावा दुर्गेश कुमार ने ये भी खुलासा किया कि वो अपनी जिंदगी में एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार फेल हुए, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने कभी हार नहीं मानी और इंडस्ट्री में अपनी शानदार पहचान बना चुके हैं और सीधी-सादी लाइफ जीने के लिए जाने जाते हैं. इतना ही नहीं, इस बीच उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया वेब सीरीज 'पंचायत' की जिस गांव में शूटिंग हुई थी वहां काफी विकास हुआ था. उन्होंने बताया कि जिस गांव में सीरीज के पहले सीजन की शूटिंग हुई तब वहां सड़क भी नहीं, लेकिन उसके बाद वहां सड़क बन गई.
गांव के लोगों को लगता है बर्बाद हो गया मैं..
जब उनसे पूछा क्या कि क्या ये बदलाव सही है? तो उन्होंने कहा कि बदलाव तो बहुत सही की ओर जा रहा है. बदलाव सही या गलत नहीं होता क्योंकि हम खुद एक आईना हैं. हम कलाकार अपने सामाज को ये दिखाएंगे कि देखिए आपके सामाज में क्या-क्या हो रहा है. डीडी 1 के जमाने में 'मालगुड़ी डेज' आता था और आज के जमान में 'पंचायत' आ रहा है. जब उनसे पूछा गया कि उनके गांव में क्या विकास हुआ? तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि वहां कोई विकास नहीं हुआ. लेकिन उनके गांव के लोगों को आज भी यही लगता है कि वो बर्बाद हो गए.
अगर नहीं होते एक्टर को क्या करते दुर्गेश कुमार?
अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने अपने बारे में बात करते हुए कहा, 'एक बच्चा जिसे कुछ भी नहीं आता था, समाज ने उस नकार दिया था. वो आज आपके सामने बैठा है, जब मैंने थिएटर शुरू किया था तब अंदाजा भी नहीं था कि 'पंचायत' जैसी वेब सीरीज बनेगी, ये सब दिखावा है कि ईश्वर है, बस आप अपना काम करते रहो'. जब उनसे पूछा गया कि अगर वो एक्टर नहीं होते तो क्या कर रहे होते? इसके जवाब में दुर्गेश कुमार ने बताया कि वो हिंदी के टीचर होते. साथ ही उनकी इस सादगी पर हर कोई हैरान रह गया.