PICS: जानिए उन स्टार किड्स के बारे में जिनके फादर ही बन गए गॉडफादर

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म, गुटबाजी और इंडस्ट्री में स्टार पावर जैसे मुद्दों पर बहस तेज हुई है.

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हरमन बावेजा और हैरी बावेजा

हरमन बावेजा के पिता हैरी बावेजा ने अपने बेटे पर दांव लगाया, हरमन जिसके अफेयर के चर्चे प्रियंका चोपड़ा के साथ अरसे तक रहे. हरमन को लेकर इतना सीक्रेट रखा गया कि उनकी फिल्म ‘लव स्टोरी 2050’ तक कोई भी मीडिया उन्हें अपने कैमरे में कैद नहीं कर पाई. लेकिन ये फिल्म नहीं चली. उसके बाद हरमन ने क्रिकेट बेस्ड कुमार मंगत की ‘विक्ट्री’, ‘व्हाट इज योर राशि’ और ‘ढिश्कियाऊं’ ये तीन फिल्में कीं, कोई भी फिल्म नहीं चली और हरमन तब से गुमनामी के अंधेरे में चले गए.

 

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जैकी भगनानी और वाशु भगनानी

जैकी के पिता वाशु भगनानी बेटे को हीरो बनना चाहते थे. उन्होंने अपने बेटे को फिल्म ‘कल किसने देखा’ में लॉन्च किया. फिल्म नहीं चली लेकिन वाशु भगनानी थके नहीं और उन्होंने बेटे की कई फिल्में प्रोडयूस की, 'रंगरेज', 'यंगिस्तान', 'वेलकम टू कराची' आदि. इनमें से कुछ फिल्मों का प्लॉट या उनकी एक्टिंग पसंद तो की गई लेकिन वो किसी को हीरो मटीरियल नहीं लगे.

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संजय दत्त और सुनील दत्त

1981 में फिल्म ‘रॉकी’ से संजय दत्त को लॉन्च करने से लेकर 'मुन्ना भाई' एमबीबीएस में कैमियो करने तक सुनील दत्त ने अपने बेटे के लिए सब कुछ किया. ड्राइवर को सख्त निर्देश थे कि संजय दत्त की कार में एक ही गाना बजेगा, ‘दुनियां में रहना है तो काम कर प्यारे, हाथ जोड़ सबको सलाम कर प्यारे’. 

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सनी-बॉबी देओल और धर्मेन्द्र

सनी देओल, धर्मेन्द्र की तरह के सुपर आइकॉन भले ना हों, लेकिन उन्होंने सालों तक बॉलीवुड में बड़े सितारों के बावजूद अपना सिक्का जमाया. इससे किसी को इनकार नहीं. पिता धर्मेन्द्र ने उनके लिए प्रोडक्शन हाउस बनाया ‘विजेता फिल्म्स’ और पहली ही फिल्म ‘बेताब’ से अमृता सिंह के साथ लॉन्च किया और वो सुपरहिट गई. बॉबी को भी ‘बरसात’ से लॉन्च किया. सनी की फिल्म ‘घायल’ को भी प्रोडयूस किया. बॉबी का करियर उतना नहीं चला, लेकिन देओल परिवार की ताकत 'यमला पगला दीवाना' जैसी फिल्मों में दिखती रही है.

 

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रणधीर, ऋषि और राजीव कपूर

राजकपूर ने अपने तीनों बेटों को लॉन्च किया. पहले रणधीर कपूर को ‘श्री 420’ और ‘दो उस्ताद’ जैसी फिल्म में बच्चों के रोल मे लिया, फिर अपनी तीनों पीढ़ियों को लेकर प्रोडयूस की ‘कल आज और कल’, जिसमें रणधीर कपूर को ना केवल हीरो बल्कि डायरेक्टर के तौर पर भी लॉन्च किया था. दूसरे बेटे ऋषि कपूर को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट दमदार रोल में लॉन्च किया ‘मेरा नाम जोकर’ से और फिर बतौर हीरो ‘बॉबी’ से, बॉबी ने कपूर खानदान को ना केवल कर्जे से उबारा बल्कि एक नया सुपरस्टार भी दिया. राजकपूर के तीसरे बेटे ज्यादा नहीं चल पाए, राजीव कपूर. यूं तो उनके लिए भी राजकपूर ने अपने करियर की आखिरी फिल्म डायरेक्ट की थी, ‘राम तेरी गंगा मैली’, मूवी काफी शानदार थी, लेकिन राजकपूर के जानें के बाद राजीव कपूर अपने करियर को सही दिशा देने में नाकाम रहे.

 

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ऋतिक रोशन और राकेश रोशन

‘करण अर्जुन’ के बाद राकेश रोशन को भी लग गया था कि वो खान सितारों को इतनी हिट मूवी दे सकते हैं तो अपने बेटे को क्यों नहीं, और फिर आई नए हीरो ऋतिक रोशन के साथ ‘कहो ना प्यार है’, इस फिल्म ने तो तहलका ही मचा दिया था. लोग समझ नहीं पा रहे थे कि बाप की तारीफ करें या बेटे की.

 

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