Smita Patil`s Death anniversary: इन 3 ख्वाबों को पूरा नहीं कर पाईं स्मिता
स्मिता पाटिल (Smita Patil) अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहती थीं, कुछ ख्वाब उनके पूरे हुए, जैसे अभिनेत्री बनना, बच्चा पैदा करना वगैरह. पर कुछ ख्वाब और सपने अधूरे रह गए.
ऐसे कहा दुनिया को अलविदा
सत्तर और अस्सी के दशक में अपने अभिनय से अलग छाप छोड़ने वाली अवार्ड विनिंग अभिनेत्री स्मिता पाटिल (Smita Patil) राज बब्बर (Raj Babbar) से शादी के बाद प्रतीक बब्बर (Pratik Babbar) को जन्म देने के तुरंत बाद पोस्ट पार्टम दिक्कतों की वजह से चल बसी थीं. स्मिता पाटिल (Smita Patil) अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहती थीं, कुछ ख्वाब उनके पूरे हुए, जैसे अभिनेत्री बनना, बच्चा पैदा करना वगैरह. पर कुछ ख्वाब और सपने अधूरे रह गए.
अपनी आई को देना चाहती थीं बंगला
स्मिता की मां विद्या ने शादी के बाद गुरबत के दिन देखे. जब स्मिता पैदा हुईं, मां को मजबूरी में नर्स की नौकरी करनी पड़ी. बचपन में मां जब पैसा ना होने की वजह से परेशान होतीं, स्मिता उनसे कहतीं, 'मैं बड़ी हो जाऊंगी तो तुम्हें बहुत पैसे कमा कर दूंगी.' यही नहीं, विद्या ताई को पौधों का और हरियाली का बहुत शौक था. अपने छोटे से घर में उन्होंने ढेरों फूलों के गमले रखे थे. स्मिता की ख्वाहिश थी कि मां को ऐसा बंगला खरीद कर दें, जो फूलों के बाग से और पेड़-पौधों से घिरा हो.
निर्देशन करने का मन था
निर्देशक श्याम बेनेगल हमेशा ही स्मिता पाटिल के अभिनय से अभिभूत रहते थे. यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि स्मिता एक दिन बहुत अच्छी निर्देशक बनेंगी, उसके पास निर्देशक की आंख है. स्मिता चाहती थीं कि वो अपनी तरह से फिल्म निर्देशित करें. लेकिन सत्तर और अस्सी के दशक में उनके पास अभिनय का इतना सारा काम था कि कभी उन्हें निर्देशक बनने का वक्त नहीं मिला. जब उन्होंने राज बब्बर से शादी की थी, तब कहा था, 'अब वो वक्त आ गया है कि मैं अपने दिल की सुनूं. शादी, बच्चे और फिल्म का निर्देशन.' वो अपने पति राज बब्बर को ले कर एक फिल्म बनाना चाहती थीं और उनके दिमाग में कई कहानियां भी साथ-साथ चल रही थीं.
बच्चों के साथ एक सुकून भरी जिंदगी
स्मिता पाटिल को बच्चों से बेहद प्रेम था. जब वे प्रेग्नेंट हुईं, इस बात से बहुत खुश थीं कि उनका एक सपना पूरा होने जा रहा है. अपने दोस्तों से कहतीं कि वे एक बच्चे से खुश नहीं होंगी, उन्हें बच्चों की फौज चाहिए. वे अपने आसपास ढेर सारे बच्चे देखना चाहती थीं.
जानती थीं कि जिंदगी कम है!
स्मिता पाटिल के बेहद करीबी यह भी कहते थे कि स्मिता को पता था कि उनकी लाइफ लाइन छोटी है. उन्होंने महेश भट्ट से भी कहा था कि मैं बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं जिऊंगी. मेरे हाथ की रेखाएं मेरे सपनों का साथ नहीं दे रही हैं.