Bollywood Retro: बॉलीवुड के खूंखार विलेन का जब भी जिक्र होता है तो प्राण का नाम सबसे पहले आता है. मुंह में सिगार...आंखों में गुस्सा और मन में षणयंत्र...कुछ ऐसा ही इमेज दिमाग के किसी कोने में बनकर आती है. प्राण मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले थे. प्राण (Pran) को सिनेमाजगत में बेहतरीन अदाकारी के लिए पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 362 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रहे प्राण कभी फोटोग्राफर बनना चाहते थे. लेकिन अचानक एक ऑफर ने उनकी जिंदगी बदल दी और वो फिल्म इंडस्ट्री के खूंखार विलेन बन गए. प्राण की 12 फरवरी को 104वीं वर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर जानिए प्राण को कैसे पहला ब्रेक मिला और कैसे वो उस वक्त हीरो से ज्यादा फीस लिया करते थे.


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जाना पड़ा लाहौर
प्राण (Pran) को मिलाकर उनके 7 भाई-बहन थे. बंटवारे से पहले प्राण ने अपना करियर बतौर फोटोग्राफर शुरू किया था. वो दिल्ली की एक कंपनी 'द दास एंड कंपनी' में एक अप्रेंटिस के तौर पर काम करते थे. इसी काम की वजह से उन्हें लाहौर जाना पड़ा. जहां पर उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई. ये किस्सा लाहौर का है. प्राण सिगरेट के बहुत शौकीन थे. एक दिन वो सिगरेट पीने पान की दुकान पर गए तो स्क्रिप्ट राइटर वली मोहम्मद वली मिले. वो प्राण को घूरने लगे. उन्होंने प्राण से कहा कि मैं एक फिल्म बना रहा हूं. उसका एक किरदार बिल्कुल तुम्हारे जैसा ही है.


 



 


प्राण को उन्होंने कागज पर पता लिखकर दिया. प्राण तब अपने आप में थी लिहाजा उन्होंने इस मुलाकात को बहुत कैजुअल लिया और उस पर ध्यान नहीं दिया. कुछ दिन बाद वो प्राण से फिर टकराए और उनसे ऑफिस में मिलने को कहा. प्राण ऑफिस पहुंचे और वली मोहम्मद ने प्राण को फिल्म में काम करने के लिए राजी कर लिया. इस तरह से प्राण की पहली फिल्म 'यमला जट' रिलीज हुई. 


 



 


ऐसे आए इंदौर
दंगों के दौरान प्राण (Pran) ने अपनी वाइफ और बेटे को इंदौर में भेज दिया. कुछ वक्त बाद प्राण इंदौर आए. तभी प्राण ने रेडियो पर न्यूज सुनी किस तरह से लाहौर में हिंदुओं के साथ सुलूक किया जा रहा है. ऐसे में प्राण हमेशा के लिए यही पर रह गए. इसके बाद प्राण ने फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत आजमाई. लेकिन मुंबई में प्राण का सफर आसान नहीं था. मुंबई में इस एक्टर को कोई पहचानता नहीं था. लिहाजा पैसे भी खत्म हो रहे थे, तो एक्टर को गुजारा करने के लिए होटल में काम करना पड़ा. एक साल संघर्ष के बाद प्राण को लेखक सआदत हसन मंटो और एक्टर श्याम ने उनके नाम की सिफारिश की. जिसके बाद उन्हें बॉलीवुड की पहली फिल्म 'जिद्दी' मिल गई. 


 



 


हीरो से ज्यादा लेते थे फीस
'जिद्दी' फिल्म हिट हो गई और प्राण को 3 और फिल्मों के ऑफर मिले. जिसके बाद से प्राण देखते ही देखते हीरो से ज्यादा पैसे चार्ज करने लगे. यहां तक कि उनके पास एक फिल्म का ऑफर आया. उन्होंने काम करने के लिए हामी भर दी. हालांकि प्रोड्यूसर ने उन्हें 500 रुपये फीस देने से मना कर दिया. इसके बाद प्रोड्यूसर ने उन्हें 100 रुपये ज्यादा फीस देकर उन्हें कास्ट करना पड़ा. इस तरह से प्राण को हीरो से ज्यादा 600 रुपये महीना देकर उन्हें फिल्म के लिए साइन कर लिया गया.