India-China Talks: चीन में डोभाल का कमाल.. आखिरकार मान गया ड्रैगन, इन 6 बड़े मुद्दों पर बन गई बात
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India-China Talks: चीन में डोभाल का कमाल.. आखिरकार मान गया ड्रैगन, इन 6 बड़े मुद्दों पर बन गई बात

Ajit Doval China visit: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की चीन यात्रा के दौरान भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए छह बिंदुओं पर सहमति बनाई. इन सहमतियों में सीमा पार पर्यटन (तिब्बत जैसे क्षेत्रों में), सीमा पार नदियों पर सहयोग और नाथुला सीमा व्यापार को बढ़ावा देना शामिल है.

India-China Talks: चीन में डोभाल का कमाल.. आखिरकार मान गया ड्रैगन, इन 6 बड़े मुद्दों पर बन गई बात

Ajit Doval China visit: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की चीन यात्रा के दौरान भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए छह बिंदुओं पर सहमति बनाई. इन सहमतियों में सीमा पार पर्यटन (तिब्बत जैसे क्षेत्रों में), सीमा पार नदियों पर सहयोग और नाथुला सीमा व्यापार को बढ़ावा देना शामिल है. डोभाल ने पांच साल के अंतराल पर आयोजित भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए 23वें विशेष प्रतिनिधि वार्ता में भाग लिया. पिछली बैठक 2019 में नई दिल्ली में हुई थी.

पांच साल बाद हुई सीमा विवाद पर उच्च स्तरीय बैठक

चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह बैठक बुधवार को बीजिंग में आयोजित की गई. "यह पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच पहली बैठक थी. कजान बैठक में दोनों देशों के नेताओं द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के आधार पर, चीन के विशेष प्रतिनिधि वांग यी और भारत के विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल ने सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा की और छह सहमतियां बनाई." बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था. दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.

सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्धता

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने सीमा विवाद पर हुई प्रगति की सकारात्मक समीक्षा की और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दिशा-निर्देशों का पालन करने पर सहमति व्यक्त की. दोनों पक्षों ने यह भी माना कि सीमा मुद्दों को व्यापक द्विपक्षीय संबंधों के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए ताकि यह संबंधों को प्रभावित न करे. उन्होंने 2005 में तय किए गए राजनीतिक दिशानिर्देशों के अनुसार, निष्पक्ष, तार्किक और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने का संकल्प लिया.

सीमा प्रबंधन और स्थिरता के लिए कदम

सीमा क्षेत्रों में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और चीन ने प्रबंधन और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने, विश्वास निर्माण के उपायों को बढ़ावा देने और स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाने पर सहमति जताई. इसके अलावा, दोनों देशों ने सीमा पार आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने का इरादा व्यक्त किया. इसमें भारतीय तीर्थयात्रियों की तिब्बत यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार नदियों पर सहयोग बढ़ाना और नाथुला सीमा व्यापार को सुगम बनाना शामिल है.

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक को मजबूत करने पर सहमति

दोनों पक्षों ने विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों को अधिक प्रभावी बनाने, राजनयिक और सैन्य वार्ताओं में समन्वय सुधारने और सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए चीन-भारत कार्य तंत्र (WMCC) को फॉलो-अप उपायों के कार्यान्वयन का जिम्मा सौंपने पर सहमति व्यक्त की. आने वाले समय में, दोनों देशों ने भारत में अगले दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता आयोजित करने का निर्णय लिया, जिसकी तिथि कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से तय की जाएगी.

द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा

सीमा विवाद से आगे बढ़कर, दोनों देशों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने स्थिर, पूर्वानुमेय और सहयोगात्मक संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक बताया गया.

चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से अजित डोभाल की मुलाकात

बुधवार को अजित डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. झेंग ने भारत और चीन के बीच संस्थागत संवादों को फिर से शुरू करने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास पथ पर वापस लाने के लिए आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. झेंग ने कहा, "भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताओं और उभरती शक्तियों का स्वतंत्रता, एकजुटता और सहयोग पर टिके रहना वैश्विक प्रभाव और रणनीतिक महत्व रखता है. दोनों पक्षों को नेताओं द्वारा तय किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करना चाहिए और उच्च स्तरीय संवादों की गति बनाए रखनी चाहिए."

अजित डोभाल का बयान

डोभाल ने कहा कि पांच साल बाद सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक फिर से शुरू होना दोनों देशों के नेताओं द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ रणनीतिक संवाद को मजबूत करने, परस्पर लाभकारी सहयोग का विस्तार करने और द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई ऊर्जा डालने के लिए तैयार है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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