Top Ki Flop: इस फिल्म की आग में खाक हो गया था डायरेक्टर का नाम, लोगों ने नहीं किया माफ
Ram Gopal Varma Career: राम गोपाल वर्मा की आग. यह बॉलीवुड की संभवतः अकेली फिल्म है, जिसमें डायरेक्टर का नाम टाइटल में ही लगा है, क्लासिक शोले की इस रीमेक ने रामू के करिअर पर उल्टा असर डाला और लोगों ने इस फिल्म के लिए उन्हें आज तक माफ नहीं किया.
Ram Gopal Varma Films: क्लासिक फिल्मों का रीमेक होना चाहिए या नहीं, इस पर लोग एकमत नहीं हैं. लेकिन इतना तय है कि रीमेक के नाम पर क्लासिक फिल्मों से मजाक नहीं किया जा सकता. 2007 में आई रामगोपाल वर्मा की आग ऐसा ही एक कोशिश थी, जिसे दर्शकों ने क्लासिक शोले (1975) के साथ रामू का मजाक माना. फिल्म दर्शकों का दिल जीतने में तो नाकाम रही, राम गोपाल वर्मा ने दर्शकों के दिल में जो जगह बनाई थी, वह इस फिल्म से खतरे में पड़ गई. इस फिल्म की मेकिंग में रामू को भयंकर नुकसान उठाना पड़ा, जो लगभग 40 करोड़ रुपये का था. फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप रही. शोले जैसी फिल्म का इतना गंदा रीमेक करने पर रामू की कड़ी आलोचना हुई.
लग गया था जुर्माना
दरअसल यह रीमेक राम गोपाल वर्मा का बहुत पुराना सपना था, जिसे वह किसी भी हालत में पूरा करना चाहते थे. इस फिल्म को बनाने के लिए रामू इतने जुनूनी थे कि ओरीजनल शोले की निर्माता कंपनी सिप्पी फिल्म्स से फिल्म बनाने की परमिशन लिए बिना ही उन्होंने फिल्म बना डाली. जिस कारण निर्माताओं ने रामू पर कॉपीराइट का मुकदमा दर्ज कर दिया. नतीजा यह हुआ कि रामू को 10 लाख रुपये का जुर्माना निर्माता कंपनी को देना पड़ा.
फ्लॉप का कारण
अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, सुष्मिता सेन, उर्मिला मातोंडकर, मोहनलाल, सचिन पिलगांवकर जैसे बड़े कलाकारों के बावजूद फिल्म सुपर फ्लॉप रही. फिल्म के फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण था इसकी मेकिंग में देरी. रामू ने फिल्म 2005 में अनाउंस की थी लेकिन इसके तुरंत बाद ही अमिताभ बच्चन की एक सर्जरी हुई, जिसके कारण फिल्म 3 महीने डिले हो गई. फिर रामू को कॉपीराइट मुकदमे का सामना करना पड़ा. फिल्म के कलाकारों को बार-बार बदला गया. यह भी देरी का बड़ा कारण था. जब फिल्म पूरी हुई तो लगभग 101 प्रिंट दिल्ली और यूपी-एनसीआर में डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए तैयार किए गए पर कोई सिंगल स्क्रीन थियेटर फिल्म को खरीदने के लिए तैयार नहीं था. फिल्म की ओपनिंग एवरेज रही.
क्या कहा रामू ने
अपनी इस फिल्म को लेकर रामू ने हमेशा कहा कि अगर मेरी कोई फिल्म हिट या फ्लॉप होती है तो मुझे उसका कारण नहीं पता. मैं अपनी हर फिल्म में 100 परसेंट मेहनत करता हूं. मेरा फिल्म बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लोगों को मेरा काम पसंद आए. लेकिन यह मुझे तभी पता चलता है जब फिल्म रिलीज होती है और रिजल्ट आता है. कोई भी निर्माता-निर्देशक यह सोचकर फिल्म नहीं बनाना चाहेगा कि दर्शकों को पसंद न आए. मैं कर्म करता हूं, फल की चिंता नहीं करता.
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