‘मैंने अपना सारा पैसा खो दिया...’ लिन से शादी के बाद रणदीप हुड्डा की लाइफ में आया बड़ा बदलाव; अब इस बात पर दे रहे ध्यान
Randeep Hooda: हाल ही में बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने बताया कि लिन लैशराम से शादी के बाद और फिल्म निर्माता बनने के बाद पैसे के साथ उनका रिश्ता और चाहत किस तरह बदल रही है. एक्टर ने जो भी बातें बताईं वो काफी हैरान कर देने वाली हैं.
Randeep Hooda: बॉलीवुड एक्टर-फिल्म निर्माता रणदीप हुड्डा ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया कि वे काम के बारे में लंबे समय से चली आ रही धारणाओं को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अब एक शादीशुदा इंसान हैं और एक फिल्म निर्माता के तौर पर उनके ऊपर ज्यादा जिम्मेदारियां आ गई हैं. उन्होंने कहा कि वे इस सिद्धांत के तहत काम करते थे कि उनका काम ही बोलना चाहिए और उन्हें सेल्फ-प्रमोशन में शामिल होने या ऐसे प्रोजेक्ट्स में भाग लेने की जरूरत नहीं है जो लोगों को लुभाती हों.
एक्टर ने बताया कि लेकिन अब, निर्देशक के तौर पर अपनी पहली फिल्म का निर्देशन करने और शादी करने के बाद, उन्हें लगता है कि उन्हें पैसे के लिए अपने पिछले सोशलिस्ट व्यू पॉइंट को छोड़ने की जरूरत है. रणदीप हुड्डा ने अपनी फिल्म 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर' से निर्देशक के तौर पर हिंदी सिनेमा में अपनी शुरुआत की है, जो इस साल सिनेमाघरों में उतरी थी और फैंस को पसंद भी आई थी. इससे पहले उन्होंने पिछले साल 2023 में लिन लैशराम के साथ शादी की थी.
पहले जीते थे बेफिक्र जिंदगी
भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया के पॉडकास्ट पर रणदीप हुड्डा ने मजाक में कहा, 'मैंने तेज महिलाओं और धीमे घोड़ों पर अपना सारा पैसा खो दिया है'. जब उनसे ये पूछा गया कि वे कैसे तय करते हैं कि कौन से प्रोजेक्ट्स लेने हैं और कौन से नहीं? तो इसके जवाब में उन्होंने बताया, 'सबसे जरूरी बात ये है कि क्या मैं उस पर काम करने वाले लोगों को बर्दाश्त कर पाऊंगा'. उन्होंने हंसते हुए कहा, 'लेकिन अब मैंने तय कर लिया है कि मैं ऐसा करूंगा'. उन्होंने समझाया, 'शादी से पहले, मैं एक बेफिक्र जिंदगी जी रहा था'.
अब समझ आई पैसे की अहमियत
एक्टर ने आगे कहा, 'लेकिन अब जब मैं शादीशुदा हूं और एक निर्देशक-निर्माता भी हूं, तो मैंने पैसे की अहमियत सीख ली है'. उन्होंने कहा कि एक एक्टर के तौर पर वे हमेशा थोड़े बचकाने रहे हैं. लेकिन अब एक निर्माता और एक शादीशुदा इंसान के तौर पर उनको अपनी जिम्मेदारी का एहसास है. एक्टर ने कहा, 'मैं अब अकेला नहीं हूं. उसकी भी इच्छाएं और जरूरतें हैं. मैं अब अपना रास्ता बदलने की कोशिश कर रहा हूं. हम जाटों का हमेशा से पैसे के लिए समाजवादी नज़रिया रहा है, कि पैसा कमाना 'गलत' है'.
अब पैसे कमाने पर ध्यान दे रहे हैं एक्टर
एक्टर ने आगे बताया, 'हालांकि, लेकिन ये सोच अब समय के साथ बदल रही है और ये जरूरी भी है, क्योंकि मैंने कभी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. लेकिन अब जब मैं इस पर ध्यान दे रहा हूं, तो मुझे यकीन है कि ये जरूर आएगा'. रणदीप हुड्डा ने पहले भी अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अपनी नई फिल्म 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर' के लिए पर्सनल प्रॉपर्टी बेच दी थी. उन्होंने बताया था, 'मेरे पिता ने पैसे बचाकर मुंबई में मेरे लिए दो-तीन प्रॉपर्टी खरीदी थीं. मैंने उन्हें बेच दिया और पैसे फिल्म में लगा दिए'.