फिल्म : सेक्टर 36 
डायरेक्टर : आदित्य निम्बालकर
लेखक : बोद्धायन रॉय चौधरी 
कास्ट : विक्रांत मैसी, दीपक डोबरियाल, आकाश खुराना, दर्शन जरीवाला, बहरुल इस्लाम 
समय अवधि : 123 मिनट 


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'सेक्टर 36' सच्ची घटना पर बनी क्राइम थ्रिलर फिल्म, जिसे देखने के बाद एक बार फिर आप विक्रांत मैसी के फैन हो जाएंगे. 12वीं फेल वाले विक्रांत इस बार खूंखार अवतार में हैं. जिनके बढ़िया टक्कर मिली है दीपक डोबरियाल से. नेटफ्लिक्स पर आई 'सेक्टर 36' नोएडा के निठारी कांड पर बनी फिल्म है जिसे आदित्य निम्बालकर ने डायरेक्ट किया है. ये घटना साल 2006 के वो घटना थी जिसने देशभर को हिलाकर रख दिया था. ऐसा सीरियल किलर जिसके घर से नरकंकाल की संख्या देख सब हक्का-बक्का रह गए थे. चलिए बताते हैं इस खतरनाक विषय पर बनी फिल्म कैसी है.


'सेक्टर 36' की कहानी
'सेक्टर 36' की कहानी झुग्गियों में बच्चों के अपहरण और हत्या की घटनाओं से जुड़ी है. फिल्म का केंद्र एक अमीर परिवार में काम करने वाले प्रेम  सिंह (विक्रांत मैसी) पर है, जो एक निर्दयी सीरियल किलर है. सिंह, जो बाहरी तौर पर एक सामान्य घर के कामकाजी व्यक्ति की तरह दिखता है, अपनी क्रूरता के साथ बच्चों का अपहरण और हत्या करता है. उसकी इस बर्बरता का कारण उसकी खुद की दुखद और दर्दनाक कहानी  है, जो उसे एक हत्यारे में बदल देती है.


फिल्म की कहानी में सिंह का मालिक , जिसे अक्षय खुराना ने निभाया है, भी बच्चों के साथ दुराचार करता है. दोनों के बीच की जो रिश्ता बुना गया है वो भी काफी भयावह है. दोनों मिलकर कई हत्याओं को अंजाम देते हैं. वो भी छोटे बच्चों की. 


दूसरी ओर, दीपक डोबरियाल ने इंस्पेक्टर राम चरण पांडे का किरदार निभाया है, जो शुरू में इन अपराधों को हल्के में लेता है. लेकिन जब उसकी खुद की बेटी इन घटनाओं की चपेट में आती है, तो वह मामले की गंभीरता को समझता है और फिर इस केस की गुत्थी को सुलझाने में लग जाता है. मगर ये केस इतना आसान कहां था...दिमाग के परखच्चे उड़ा देने वाली घटनाएं जिस तरह एक के बाद एक सामने आ रही थी, ये देखकर पुलिस के हाथ पैर भी ठंडे पड़ गए.


'सेक्टर 36' का रिव्यू
आदित्य निम्बालकर जिन्होंने 'सेक्टर 36' का डायरेक्शन किया है. उन्होंने जान फूंक दी है. वो भय और क्रूरता इस तरह से दिखाई है कि स्क्रीन देख रहे दर्शकों की भी कंपकंपी छूट जाए. निर्देशन फिल्म की सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उनकी पहली फिल्म होने के बावजूद, उन्होंने कहानी को एक सशक्त और थ्रिलिंग तरीके से प्रस्तुत किया है. निम्बलकर ने हर सीन को सही तरीके से दर्शाया है और इन्हें भावनात्मक रूप से जोड़ा भी है. जो इस फिल्म को गहराई देने का काम करता है.


अब आते हैं कलाकारों के काम पर. जिन्होंने फिल्म के मजा को कई गुना बढ़ा दिया है. विक्रांत को ऐसे सीरियल किलर के रूप में देखना दर्शकों के लिए हैरान कर देने वाला है. जिस तरह वह एक्सप्रेशंस देते हैं. एक एक सीन के साथ खेलते हैं...वह किरदार की एक एक लेयर को निखारता है. वहीं दीपक डोबरियाल ने इस बार सेंचुरी बनाई है. पुलिसवाले के किरदार के साथ साथ एक पिता होने वाला अंदाज जिस तरह उन्होंने पर्दे पर उकेरा है वह शानदार है.


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देखें या नहीं
मैडॉक फिल्म्स ने 'सेक्टर 36' को प्रोड्यूस किया है. जिनका डंका हाल में ही बॉक्स ऑफिस पर 'स्त्री 2' के साथ बजा है. मेकर्स जिस तरह  की कहानियों को जगह दे रहे हैं यानी चुन रहे हैं...वह उनकी सफलता में चार चांद लगाता है.  कुल मिलाकर इस वीकेंड इस थ्रिलर फिल्म से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. बस नेटफ्लिक्स खोलिए और आनंद लीजिए इस फिल्म का. जो इस केस को भी आपको समझा देती है.


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