नई दिल्ली : बॉलीवुड की 'मोना डार्लिंग' यानी बिन्दू (Bindu) ने आइटम गर्ल और निगेटिव रोल के लिए अधिक जानी जाती हैं. लंबे समय बाद वह सुनील ग्रोवर (Sunil Grover) को एयरपोर्ट पर मिलीं. सुनील ने उनके साथ न सिर्फ तस्वीर खिंचवाई बल्कि एक मजेदार मैसेज भी शेयर किया. सुनील ग्रोवर ने लिखा कि मैं जब छोटा था और बिन्दू जी की फिल्में देखता था, तो जिस घड़ी वह स्क्रीन पर आती थीं तो मैं कहता था 'अब कोई पंगा पड़ेगा'. वह अपनी एक्टिंग में कितनी निपुण थीं. आप स्वस्थ रहें मैम, आप ऑरिजनल मोना डार्लिंग हो.

 


सलमान की 'बीवी हो तो ऐसी' को 31 साल (22 अगस्त 1988) हो गए हैं. इसमें बिन्दू ने रेखा की सास का किरदार निभाया था. इसमें सलमान खान के साथ फारूख शेख और कादर खान मुख्य भूमिका में थे. बिन्दू ने इस फिल्म में खड़ूस सास का रोल निभाया था, जो काफी पसंद किया गया था. 

 

मां न बन पाने का दुख

निजी जिंदगी की बात करें तो बिन्दू की शादी 16 साल की उम्र में ही हो गई थी. वह जब स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं तो उनकी मुलाकात बिजनेसमैन चंपक जावेरी से हुई. दोनों के बीच प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली, लेकिन बिन्दू कभी मां नहीं बन पाईं. जब वह 7 महीने की प्रेगनेंट थीं तो उनका मिसकैरेज हुआ था. बिन्दू ने कई इंटरव्यू में मां न बन पाने पर दुख जताया.

 

ऐसे बनी बॉलीवुड में पहचान

बिन्दू ने बॉलीवुड में 'अनपढ़' फिल्म से शुरुआत की थी. वह उस समय 11 साल की थीं और उन्होंने माला सिन्हा की बेटी का रोल अदा किया था. उनका असली करियर तो उनकी शादी के बाद ही शुरू हुआ. उन्होंने राजेश खन्ना के साथ दो रास्ते साइन की. इसके बाद 'इत्तेफाक', 'डोली' और 'आया सावन झूम के' जैसी फिल्में आईं. लेकिन उन्होंने सही पहचान अमिताभ बच्चन की पहली सुपरहिट फिल्म 'जंजीर' से मिली. इसमें उन्होंने मोना डार्लिंग का रोल निभाया था. 

 

बिन्दू ऐसे बनी मोना डार्लिंग

प्रकाश मेहरा की 'जंजीर से अमिताभ बच्चन एंग्री यंगमैन बने और बिन्दू बनीं मोना डार्लिंग. फिल्म में उनके किरदार का नाम मोना था, जिसके विलेन अजीत उन्हें मोना डार्लिंग कहकर बुलाते थे. मोना डार्लिंग से पहले वह शब्बो के नाम से मशहूर थीं. यह नाम उन्हें राजेश खन्ना की 'कटी पतंग' से मिला. इस फिल्म में बिन्दू का डायलॉग था- मेरा नाम शबनम, प्यार से लोग मुझे शब्बो कहते हैं. 

 

'अभिमान' ने बनाई पॉजीटिव इमेज

अमिताभ और जया की फिल्म 'अभिमान' में ऋषिकेश मुखर्जी ने बिन्दू को एक पॉजीटिव रोल दिया था, जिसमें उन्हें काफी सराहा गया था. उस समय ऋषिकेश मुखर्जी ने रिस्क ही लिया था कि आइटम नंबर और निगेटिव रोल करने वाली बिन्दू को एक पॉजीटिव करेक्टर प्ले करने के लिए दिया.

 

हसबैंड ही हैं सबसे अच्छे दोस्त

बिन्दू ने हाल में ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि टीवी में काम करने के बजाय वह अपनी पुरानी फिल्में देखकर और ट्रेवर करके लाइफ को एन्जॉय करना चाहती हैं. वह पुणे में रहती हैं. उनके हसबैंड ही उनके सबसे अच्छे दोस्त हैं.