नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पद्मावत' के कई राज्यों में रिलीज पर प्रतिबंध के खिलाफ निर्माताओं की याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान और गुजरात द्वाारा अपने राज्‍यों में इस फिल्‍म की रिलीज पर लगाए एक प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगा दी है. यानी अब इस फिल्‍म की देशभर में रिलीज को कोर्ट का भी ग्रीन सिग्‍नल मिल गया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई की.


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न्‍यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार फिल्म के निर्माता वायकॉम 18 और अन्य के वकील हरीश सालवे ने अपने दलील में कहा है, 'अगर राज्‍य इस फिल्‍म पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो यह भारत की संघीय व्‍यवस्‍था पर एक चोट है. यह एक गंभीर विषय है. अगर किसी को समस्‍या है तो वह कानून की मदद ले सकते हैं. राज्‍य फिल्‍म की कहानी को छू नहीं सकते.'


चार बड़े राज्‍यों ने लगाया था बैन
पहले गुजरात, मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान और मंगलवार को हरियाणा द्वारा संजय लीला भंसाली की फिल्‍म 'पद्मावत' पर बैन लगाए जाने के बाद फिल्‍म के प्रोड्यूसरों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यही वजह है प्रोड्यूसरों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को हरी झंडी दे दी है और फिल्म में बदलाव भी कर दिए गए हैं तो उसे रिलीज होने से आखिर क्यों रोका जा रहा है. इस फिल्‍म की रिलीज डेट 25 जनवरी तय की गई है. यह फिल्‍म हिंदी के साथ ही तमिल और तेलगु भाषा में भी रिलीज की जाएगी. 'पद्मावत' आईमैक्‍स थ्रीडी में रिलीज होने वाली भारत की पहली फिल्‍म होगी.



करणी सेना की मांग, फिल्‍म पर लगे राष्‍ट्रव्‍यापी बैन
वहीं दूसरी तरफ इस फिल्‍म को लेकर राजस्‍थान में करणी सेना का विरोध अब भी जारी है. मंगलवार को भी राजस्थान के धोलपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने इस फिल्‍म को पूरे देश में बैन किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया. कल्‍वी ने अपने बयान में कहा, 'मैं बार बार देश के प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि हमारी भावनाओं को समझ जाएं.'


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