Swara Bhasker: एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने फिल्म 'तनु वेड्स मनु', 'रांझणा' 'अनारकली ऑफ आरा' जैसी फिल्मों में शानदार काम किया है. इन फिल्मों में उनके काम की जमकर तारीफ भी हुई है. हालांकि, काफी आलोचनात्मक प्रशंसा के बावजूद एक्ट्रेस मुख्यधारा की फिल्मों में बहुत कम ही दिखाई देती हैं. बेबाक तरीके से बात करने के लिए मशहूर स्वरा भास्कर का कहना है कि उनके राजनीतिक विचार और स्पष्टवादिता की वजह से ही उन्हें काम नहीं मिला.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्वरा भास्कर (Swara Bhasker) ने हाल ही में कनेक्ट सिने के साथ इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा, ''मुझे एक कंट्रोवर्शियल अभिनेता का टैग दिया गया है. निर्देशक, निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर आपके बारे में बुरा बोलना शुरू कर देते हैं. आपकी एक इमेज बन जाती है. ऐसा नहीं है कि इससे मुझे कोई चिंता नहीं है, लेकिन मैं टिके रहने में कामयाब रही हूं, लेकिन जो चीज मुझे वास्तव में दुख पहुंचाती है, वह यह है कि जिस चीज से मैं सबसे ज्यादा प्यार करती हूं, वह है अभिनय.''


'सेट का माहौल होता है टॉक्सिक...' 4 सालों से डेली सोप से क्यों दूर थीं निया शर्मा, बताई वजह


'मुझे उतने मौके नहीं मिले, जितने मैं चाहती थी'
स्वरा भास्कर ने कहा, ''आप ऐसा कह सकते हैं कि 'मैं युद्ध में गोली खा सकती हूं', लेकिन जब आप गोली खाते हैं तो दर्द होता है. इसलिए मेरी राय के परिणाम हुए हैं. मेरी बेटी राबिया के जन्म से पहले अभिनय मेरा सबसे बड़ा जुनून और मेरा सबसे बड़ा प्यार था. मुझे अभिनय और प्रैक्टिस पसंद थी. मैं बहुत सारी भूमिकाएं और एक्टिंग करना चाहती थी. मुझे उतने मौके नहीं मिले, जितने मैं चाहती थी. फाइनेंशियल और इमोशनल सहित इतने सारे एक्टिंग प्रोजेक्ट न मिलने की एक कीमत है. प्रतिष्ठा की चिंता है.''


शादी से 6 दिन पहले चुपके से ससुराल वालों से मिलने पहुंचीं सोनाक्षी सिन्हा, सास-ससुर के साथ ऐसे आईं नजर


'मैंने तय किया कि मैं मुखर रहूंगी'
स्वरा भास्कर ने कहा कि अपनी राय सुनाना उनका एक सोचा-समझा फैसला था. उन्होंने कहा, ''मैं ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहती कि जैसे मैं पीड़ित हूं. मैंने यह रास्ता चुना. मैंने तय किया कि मैं मुखर रहूंगी और मुद्दों पर अपनी राय रखूंगी. मैं चुप रहना चुन सकती थी. मुझे पद्मावत में जौहर वाले सीन पर अपना असंतोष व्यक्त करते हुए एक खुला पत्र लिखने की कोई आवश्यकता नहीं थी. मुझे कोई जरूरत नहीं थी.''


'अगर मैं यह सब नहीं कहती तो घुट घुट के मर जाती'
एक्ट्रेस ने आगे कहा, ''आप मेरे से कई सारी शिकायतें कर सकते हैं. आप मुझे पसंद या नापसंद कर सकते हैं. मुझे लगता है कि जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, वो भी ये नहीं कह सकते ही ये झूठी है या फिर फेक है. वे यह नहीं कह सकते कि मैं वैसा होने का दिखावा करती हूं, जो मैं नहीं हूं. लोगों से बातचीत के अनुसार मेरी राय नहीं बदलती. मैं सबके साथ एक जैसी हूं. अगर मैं यह सब नहीं कहती तो घुट घुट के मर जाती.''



पति ने दी थी मुखर ना होने की सलाह
स्वरा भास्कर ने कहा कि उनकी आखिरी फिल्म 'जहां चार यार' की स्क्रीनिंग के बाद उनके पति फहद अहमद ने उनसे कहा था कि उन्हें अपनी राय के बारे में मुखर होना बंद कर देना चाहिए, ताकि उन्हें और फिल्में मिल सकें क्योंकि वह एक अच्छी अभिनेत्री हैं. इस पर एक्ट्रेस ने कहा, ''वो फिल्म बहुत ज्यादा चली नहीं थी, पर मैंने बहुत मेहनत की थी. क्योंकि अगर आप देखें तो भूमिका असल में मेरे जैसी नहीं है, क्योंकि वह बहुत विनम्र है.''