Kangna Ranaut Shahid Kapoor Kiss: निर्देशक विशाल भारद्वाज ने बॉक्स ऑफिस पर कभी कोई बड़ी हिट फिल्म नहीं दी, लेकिन फिर भी उनकी पहचान एक अच्छे फिल्मकार की रही. जिसके सिनेमा की अपनी पहचान है और उसमें कुछ बात होती है. मकबूल, ओमकारा और कमीने जैसी फिल्में उनके नाम पर थीं. लेकिन इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कारपोरेट को साथ लेकर करीब 80 करोड़ रुपये बजट की फिल्म रंगून प्लान की. सैफ अली खान, शाहिद कपूर और कंगना रनौत जैसे सितारों के साथ. 2017 में यह आई फिल्म विशाल के करियर की सबसे खराब फिल्मों में शुमार है. यह बॉक्स ऑफिस पर बमुश्किल अपनी चौथाई रकम निकाल सकी और टिकट खिड़की पर डूब गई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सितारों के अपने-अपने मिजाज
रंगून से पहले शाहिद के करियर में केवल एक हिट थी, जब वी मैट. लोगों को आश्चर्य हुआ कि कंगना रनौत ने उनके साथ काम करना क्यों स्वीकार किया. तीसरे सितारे छोटे नवाब सैफ थे. सब जानते हैं कि तीनों सितारों का अपना-अपना ऊंचा मिजाज है और नतीजा यह कि निर्देशक के लिए इन पर काबू रख पाना कठिन हो गया. फिल्म की शूटिंग के दौरान तो समस्याएं अपनी जगह थीं, लेकिन रिलीज से पहले और बाद में इन्होंने एक-दूसरे को जमकर निशाने पर लिया. तभी सबके समझ आ गया कि शूटिंग के दौरान क्या माहौल रहा होगा. हालांकि सैफ और कंगना ने तो काम से काम रखना, लेकिन शाहिद और कंगना के वार-पलटवार जारी रहे.


कंगना-शाहिद विवाद
फिल्म की कहानी का एक तो अपने समय से कोई लेना-देना नहीं था. 2017 में क्यों विशाल ने यह पीरियड फिल्म बनाई, किसी को समझ नहीं आया. कहानी दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भारत-बर्मा सीमा पर ब्रिटिश सत्ता की तरफ से लड़ रहे सैनिकों को दिखाती है. नाच-गाने से इनके मनोरंजन के लिए उस दौर का एक निर्देशक बिलीमोरिया (सैफ अली खान) अपनी गर्लफ्रेंड-एक्ट्रेस जूलिया (कंगना) को वहां ले जाता है. जूलिया को वहां भारतीय फौजी जमादार नवाब मलिक से प्यार हो जाता है. फिल्म को दर्शकों ने सिरे से खारिज कर दिया. कंगना-शाहिद के कीचड़ में लथपथ होकर प्यार करते और ‘किसिंग सीन’ की चर्चा हुई. कंगना ने कहा कि शाहिद को ‘किस’ करना बहुत ही बुरा अनुभव था. शाहिद ने कहा कि मैं सब कुछ भूल चुका हूं. कंगना अपने दिमाग में बातें बना लेती हैं और वही सब कहती हैं.


अंत में कहा डायरेक्टर ने
अंत में विशाल भारद्वाज ने कहा कि तीनों ही एक्टर आपस में मिलजुल कर काम नहीं कर पाए, इसलिए फिल्म वैसी नहीं बनी जैसी बनना चाहिए थी. उन्होंने यह भी कहा कि यह फिल्म जरूरत से ज्यादा ही म्यूजिकल बन गई. वास्तव में दर्शकों के लिए फिल्म में न देखने जैसा कुछ था और न सुनने जैसा. रंगून बना कर विशाल भारद्वाज ने दर्शकों का भरोसा खो दिया. रंगून के बाद आई उनकी पटाखा (2018) का और भी बुरा हाल हुआ. तब से अब तक उनकी कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं आई है.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर