Fardeen Khan Debut Film: हिंदी सिनेमा के स्टाइलिश एक्टर फिरोज खान के बेटे फरदीन खान के करियर में कोई बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट नहीं है. उनके पिता ने उन्हें 1998 में फिल्म प्रेम अगन से लॉन्च किया था. जिसकी हीरोइन थी, मेघना कोठारी. मेघना को फिरोज ने फ्रेश फेस की तरह फिल्म में लिया था, मगर फिल्म साइन करने से पहले वह एक टीवी सीरियल कर चुकी थीं. उन्होंने यह बात फिरोज खान को नहीं बताई और जब तक इस राइटर-डायरेक्टर-प्रोड्यूसर को हकीकत पता चली, काफी कुछ फिल्म शूट हो चुकी थी. खैर, प्रेम अगन रोमांटिक रूटीन फिल्म थी, जिसमें अमीर लड़की एक सामान्य फौजी के लड़के को दिल दे बैठती है. उसके पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं होता तो लड़की शराब में डूब जाती है. मगर पिता की मर्जी के लड़के से शादी करना उसकी मजबूरी है. औसत कहानी पर औसत फिल्म बनी और फ्लॉप रही. फिल्म का बॉक्स ऑफिस बहुत खराब रहा.


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कुछ बोल्ड सीन और कुछ डायलॉग
अपराध, धर्मात्मा, कुर्बानी, जांबाज, दयावान और यलगार जैसी बढ़िया फिल्में डायरेक्ट कर चुके फिरोज खान की प्रेम अगन उनकी पिछली फिल्मों से काफी अलग थी. फिल्म फ्लॉप होने के बाद खुद फिरोज खान ने भी यह बात अपने कई इंटरव्यूज में कबूल की. उन्होंने कहा कि दर्शकों को उनसे ऐसी फिल्म की उम्मीद नहीं थी, इसलिए फिल्म फ्लॉप हुई. फिल्म के कुछ रोमांटिक दृश्यों पर भी लोगों ने ऐतराज किया, जो उन दिनों उन्हें काफी बोल्ड लगे. इससे पहले सेंसर ने कुछ संवादों और गाने की लाइनों पर आपत्ति करके, उन्हें बदलवाया था. फरदीन खान और मेघना कोठारी की एक्टिंग में भी दम नहीं था. फिरोज खान की फिल्मों में संगीत खूबी माना जाता था, लेकिन प्रेम अगन में दर्शकों को वह भी नहीं मिला. कुल मिलाकर प्रेम अगन किसी तरह से दर्शकों को फिरोज खान की फिल्म नहीं लगी.


ऐसे कहा अनुपम ने कहा हां
खैर, फिल्म के बाद अनुपम खेर ने एक किस्सा बताया. फिरोज खान ने उन्हें अपने आलीशान घर में बुलाया और एक लंबे टेबल पर सामने बैठाया. इसके बाद अपनी कुर्सी पर बैठ कर उन्होंने पिस्तौल सामने रख ली. उन्होंने अनुपम खेर से कहा कि मैं अपने बेटे को लॉन्च कर रहा हूं और फिल्म में तुम्हें हीरोइन के पिता का रोल करना है. क्या जवाब है. अनुपम खेर ने तुरंत हां कहा और पिस्तौल को देखते रहे. यह देख कर फिरोज खान ने कहा कि अरे सॉरी... और पिस्तौल अंदर रख दी. फिर कहा, हां अब बताओ क्या इरादा है. अनुपम ने कहा कि हां ही है. अनुपम के अनुसार उन दिनों वह जो भी फिल्म मिल रही थी, उसे कर रहे थे. साथ ही तब फिरोज खान जैसे एक्टर-डायरेक्टर के साथ काम करने का सपना हर कलाकार देखता था. ऐसे में ना कहने का तो सवाल ही नहीं था.


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