Varun Dhawan Career: भेड़िया को शुक्रवार-शनिवार को मिले रेस्पॉन्स के साथ साफ हो गया है कि बॉक्स ऑफिस पर वरुण धवन को सफलता के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. 2017 के बाद से वरुण की अक्टूबर, सुई-धागाः मेड इन इंडिया, कलंक, स्ट्रीट डांसर 3 और जुग जुग जीयो परफॉरमेंस खराब या औसत था. इस बीच ओटीटी पर कुली नं.1 की भी आलोचना हुई. इसके बाद अब भेड़िया के नतीजे भी बता रहे हैं कि फिल्म के लिए बॉक्स ऑफिस से अपना बजट रिकवर कर पाना संभव नहीं होगा. वीकेंड का नेट कलेक्शन 25 करोड़ के पार पहुंच जाए, तब भी करीब 70 करोड़ की इस फिल्म के लिए टिकट खिड़की पर मेकिंग लागत को लाइफ टाइम में निकाल पाना बेहद कठिन होगा. साफ हो गया है कि दर्शकों पर वरुण की पकड़ कमजोर हो चुकी है.


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उम्मीद की किरण डायरेक्टर
बीते पांच साल में वरुण की कोई फिल्म धमाकेदार प्रदर्शन नहीं कर सकीं और ज्यादातर फिल्में अपने निर्माताओं के लिए घाटे का सौदा साबित हुईं. ऐसे में अब वरुण के पास एक फिल्म ही है, जिस पर वह भरोसा कर सकते हैं. फिल्म है, बवाल. यह फिल्म 2023 में रिलीज होगी. देखना होगा कि क्या यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपने नाम के अनुरूप बवाल कर सकेगीॽ इस फिल्म की हीरोइन जाह्नवी कपूर हैं, जो खुद अपने करियर में स्ट्रगल कर रही हैं. डेब्यू फिल्म धड़क को छोड़ दें तो जाह्नवी की कोई फिल्म हिट नहीं है. हाल में पिछली फिल्म मिली का टिकट खिड़की पर बुरा हाल हुआ. वास्तव में बवाल की एकमात्र उम्मीद उसके डायरेक्टर नितेश तिवारी हैं. जिनकी चिल्लर पार्टी (2011) को नेशनल अवार्ड मिला था और दंगल (2016) तथा छिछोरे (2019) बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट थीं. क्या वह वरुण के खाते में नई हिट दर्ज करा पाएंगेॽ


सुंदर लड़की से प्यार की कहानी
नितेश तिवारी की बवाल कानपुर की कहानी है. बॉलीवुड इन दिनों छोटे शहरों की कहानियों पर भरोसा कर रहा है क्योंकि वहां उसे दर्शक मिल रहे हैं. बवाल में वरुण ऐसे युवक का रोल निभा रहे हैं, जिसे अपने शहर की सबसे खूबसूरत लड़की से प्यार हो जाता है. युवक की समाज में कोई पूछ-परख नहीं है और ऐसे में वह अपने से ज्यादा अच्छी सामाजिक स्थिति वाली लड़की से शादी करना चाहता है क्योंकि उसे लगता है कि इससे समाज में उसकी स्थिति भी मजबूत बनेगी. इसी प्यार पर शहर में बवाल होता है. हाल के समय में वरुण ने मुंबई से बाहर निकल कर अपनी फिल्मों को छोटे शहरों में खूब प्रमोट किया है. जुग जुग जीयो में भी वह करीब आधा दर्जन शहरों में कियारा आडवाणी के साथ घूमे थे, लेकिन फिलहाल उन्हें इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा क्योंकि दर्शक अच्छे कंटेंट की डिमांड कर रहे हैं और साथ ही नेपोटिज्म की बात भी लोगों के दिमाग में बैठी हुई है. इंडस्ट्री के बड़े सितारों या जमे हुए लोगों के बच्चों को एक के बाद एक फ्लॉप के बाद भी लगातार मौके मिलते रहते हैं. वरुण धवन के बारे में भी सबको पता है कि वह डायरेक्टर डेविड धवन के बेटे हैं.


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