नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी ऐसी शख्सियत हैं, जिनका जीवन निर्विवाद रहा. अपने कार्यकाल में अटलजी पर व्यक्तिगत किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लगा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्थित एम्स अस्पताल में उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार के आपसी रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं. दोनों एक-दूसरे के इतने करीब थे कि अटल बिहारी वाजपेयी के लिए दिलीप कुमार ने तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को डांटते हुए 'शराफत' से रहने की सलाह दे दी थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस वाक्ये को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी की किताब 'नाइदर अ हॉक नॉर अ डव' में लिखा है, 'एक बार जब जंग को खत्म करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को फोन किया था और उनकी बात एक्टर दिलीप कुमार से करवाई थी. नवाज दिलीप कुमार की आवाज सुनकर चौंक गए थे.' 


ये भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम बार भाषण कहां दिया?


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अभिनेता दिलीप कुमार के रिश्ते काफी अच्छे थे और ऐसा कई मौकों पर अकसर सामने भी आता रहा था. पाकिस्तान की करगिल घुसपैठ के दौरान एक ऐसा मौका भी आया जब अटल बिहारी वाजपेयी के लिए दिलीप कुमार ने तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ तक को डांट लगा दी थी. दिलीप ने शरीफ को 'शराफत' से रहने की सलाह भी दे दी थी. दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा, 'मियां साहब हम आपकी तरफ से ऐसी उम्मीद नहीं करते थे, क्योंकि आपने हमेशा कहा है कि आप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं.' 


दिलीप कुमार ने अटल जी के कहने पर नवाज शरीफ से बात की और कहा, 'मैं एक भारतीय मुसलमान के तौर पर आपको बताना चाहता हूं कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव की स्थिति में भारतीय मुस्लिम बहुत असुरक्षित हो जाते हैं और उन्हें अपने घरों से भी बाहर निकलना मुश्किल लगता है. इसलिए हालात को काबू रखने में कुछ कीजिए.'


दरअसल, ये पूरा मामला समझने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा और 1999 के लाहौर घोषणा पत्र का जिक्र करना जरूरी है. इस घोषणा पत्र के साथ ही ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि अब दोनों देशों के रिश्ते दोस्ताना हो सकते हैं. इस समझौते में दोनों देशों ने शिमला समझौते को लागू करने के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की थी. हालांकि, ये दोस्ती ज्यादा दिन टिक नहीं पाई और अटल बिहारी के भरात लौटने के कुछ दिन बाद ही स्थिति तनावपूर्ण हो गई.