Interesting story of Shashi Kapoor: बॉलीवुड के लीजेंडरी एक्टर शशि कपूर किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है. दादासाहेब फाल्के और 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित अभिनेता ने 174 से ज्यादा फिल्मों में तकरीबन 6 दशक तक काम किया है. उन्होंने 1948 में अपने भाई राज कपूर के निर्देशन में बनी पहली फिल्म 'आग' में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत की थी. 1961 में शशि चोपड़ा ने यश चोपड़ा की फिल्म 'धर्मपुत्र' में मुख्य अभिनेता के रूप में अपनी शुरुआत की थी.


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18 मार्च 1938 को पृथ्वीराज कपूर और रामसरनी कपूर के घर जन्मे शशि कपूर का नाम बलबीर राज कपूर रखा गया था. हालांकि, उनकी मां को यह नाम पसंद नहीं था. ऐसे में उन्होंने शशि (चंद्रमा की किरण) कहकर बुलाना शुरू कर दिया था, क्योंकि वह चंद्रमा के प्रति फेसिनेट थे. शशि कपूर  बचपन में चांद को देखने में घंटों बिताते थे और इस तरह उन्हें शशि कपूर के नाम से जाना जाने लगा.


जब शशि कपूर की मां पाना चाहती थीं उनसे छुटकारा
1995 में पत्रकार प्रिया वारियर के साथ एक पुराने इंटरव्यू में शशि कपूर ने अपने जीवन के बारे में कुछ दिलचस्प बातें साझा की थीं. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनकी मां उसने छुटकारा पाना चाहती थी और वह 'संयोगवश' आ गए. उन्होंने बताया था, ''मेरी मां मुझे 'फ्लूकी' कहती थी, क्योंकि मैं प्लानिंग से नहीं हुआ था. उनके पहले से ही चार लड़के थे (राज जी और शम्मी के बीच दो की कम उम्र में ही मृत्यु हो गई), और फिर मेरी मां और मेरे पिताजी हमेशा एक लड़की चाहते थे. 1933 में मेरी बहन उर्मिला का जन्म हुआ, वह एक पूरा परिवार था और मेरे माता-पिता काफी खुश थे.''



'साइकिल-सीढ़ियों से गिरती थीं, कुनैन तक खा ली'
शशि कपूर ने आगे खुलासा किया था कि उनकी मां उनसे छुटकारा पाना चाहती थीं. उन्होंने बताया था, ''अचानक, पांच साल बाद, मेरी मां को पता चला कि वह गर्भवती थीं और यह उनके लिए बहुत शर्मनाक था. उन्होंने मुझसे छुटकारा पाने की पूरी कोशिश की. बेशक, वह पुराना समय था और अबॉर्शन जैसी कोई चीज नहीं थी. वह मुझसे कहती थीं कि वह साइकिल से गिरती रहती थीं, सीढ़ियों से गिरती थीं, कुनैन खा लेती थी, लेकिन शशि कपूर जिद्दी थे.''