Zoya Akhtar on Censorship: बेहतरीन फिल्ममेकर जोया अख्तर (Zoya Akhtar) ने हाल ही में मुंबई में हुए एक्सप्रेसो इवेंट में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने सेंसरशिप को लेकर खुलकर बात की. जोया ने लव, लिटरेचर, सिनेमा पर अपनी राय रखी. इसके साथ ही सेंसरशिप को लेकर ऐसा बयान दे दिया कि अब उसकी चर्चा हो रही है.


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फिजिकल इंटिमेसी पर क्या बोलीं जोया
जोया ने हाल ही में 'आर्चीज' को डायरेक्ट किया है. इसमें सुहाना खान, खुशी कपूर और आगस्त्य नंदा थे. जोया ने फिजिकल इंटीमेसी पर बात करते हुए कहा- 'मुझे लगता है कि अगर किसी की सहमति है तो इसे जरूर दिखाना चाहिए. मैं ऐसे समय में बड़ी हुई, जब मैंने स्क्रीन पर महिलाओं को पिटते हुए, परेशान करते हुए और उनका यौन शोषण होते हुए दिखाया जाता था. ये सब तो दिखाने की परमीशन थी, लेकिन आप एक किस नहीं देख सकते. लोगों को प्यार, फिजिकल इंटीमेसी भी स्क्रीन पर दिखाया जाना चाहिए.'


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हर फिल्म की अलग टोन होती है
जोया ने कहा कि 'हर फिल्म की अपनी एक अलग टोन और कहानी को दिखाने का एक अलग तरीका होता है. लेकिन रमेश सिप्पी की फिल्म 'शोले' की बात करें तो वहां पर हिंसा जो भी दिखाई गई वो समय से काफी आगे की थी. ये सब उस बारे में हैं कि आप दर्शकों को क्या दिखाना चााहते हैं. कल्चरल डिफरेंस की बात करें तो फ्रंच अमेरिकन से न्यूडिटी में काफी ज्यादा आगे है. बात वही है कि आप कितना कंफर्टेबल हो. आप सेक्स और बॉडी को किस तरह से देखते हो.' आपको बता दें, जोया कई फिल्मों का डायरेक्शन कर चुकी हैं जिसमें 'गली बॉय', 'दिल धड़कने दो', 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' और 'लक बाय चांस' शामिल हैं. इन सभी फिल्मों मे रिकॉर्ड ब्रेक कमाई की थी.