दिल बेचारा Review: दमदार एक्टिंग से लोगों के दिलों में आखिरी सलाम दे गए Sushant Singh Rajput
कैंसर पेशेंट के रूप में सामने आए सुशांत ने एक बार फिर सबको इमोशनल कर दिया. सुशांत का चुलबुला रूप सबके दिलों को छू रहा है.
नई दिल्ली: दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन के बाद से ही एक्टर के फैन उनकी आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा (Dil Bechara)' का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जो अब लोगों के दिलों में सुशांत की यादों को ताजा कर रही है. लेकिन कैंसर पेशेंट के रूप में सामने आए सुशांत ने एक बार फिर सबको इमोशनल कर दिया. सुशांत का चुलबुला रूप सबके दिलों को छू रहा है.
स्टार- 5/5
कास्ट
सुशांत सिंह राजपूत: एमैनुएल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी
संजना सांघी: किज्जी बासु
सैफ अली खान: अभिमन्यु वीर
निर्देशक: मुकेश छाबरा
पटकथा: शशांक खेतान और सुप्रोतिम सेनगुप्ता
संगीतकार: ए. आर. रहमान
पहले फिल्म शाम 7:30 बजे रिलीज होने वाली थी. लेकिन फिल्म आधे घंटे पहले ही शुरू कर दी गई. कोरोना के चलते सुशांत की फिल्म (Sushant Singh Rajput Last Film) भले ही सिनेमा हॉल नहीं पहुंची लेकिन अब इस फिल्म ने हर घर में पहुंचकर सुशांत की आवाज को हर घर में गुंजा दिया है.
ऐसी है फिल्म 'दिल बेचारा' की कहानी
'दिल बेचारा' की कहानी किज्जी बासु की आवाज से शुरू होती है. किज्जी के किरदार में संजना सांघी हैं, जो टर्मिनल कैंसर से जूझ रही हैं. उसकी लाइफ में एंट्री होती है इम्मानुअल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) की. जो काफी चुलबुला है. फिल्म में सुशांत की एंट्री काफी कूल और मजेदार अंदाज में होती है, इसके बाद किज्जी को भी जैसे एक जीने की वजह मिल जाती है. लेकिन किज्जी का एक अधूरा सपना है जो उसे पूरा करना है. उसे अपने एक पसंदीदा म्यूजिशियन और राइटर अभिमन्यु वीर (सैफ अली खान) से मिलना है जिसने एक गाना अधूरा छोड़ा है. लेकिन वह पैरिस में रहता है.
यहां मैनी अपनी जिद से किज्जी के परिवार को मनाता है और उसे लंदन लेकर जाता है. लेकिन अफसोस कि आफताब के बारे में किज्जी ने जैसा सोचा था वह उसके अपोजिट एकदम बददिमाग निकलता है. यहां सैफ की एक्टिंग दमदार है.
दोनों उदास लेकिन एक दूसरे के ज्यादा करीब होकर वापस भारत आते हैं, लेकिन यहां से ही आता है कहानी में एक ट्विस्ट. जहां अब तक किज्जी सीरियस हालत में नजर आ रही थी वहीं मैनी की तबियत ज्यादा बिगड़ जाती है. यहां हर सीन काफी इमोशनल होता जाता है.
कहानी आगे बढ़कर और भी दुखद हो जाती है जब एक रात अचानक मस्ती करते करते मैनी की हालत काफी बिगड़ जाती है. ये सीन किसी पत्थर दिल इंसान को भी रुला सकता है. किज्जी, मैनी को अस्पताल पहुंचाती है. लेकिन सब को एक अनहोनी का डर लगा रहता है.
एक बार फिर रुला गए सुशांत
मैनी किज्जी को खुश करते-करते खुद ही मौत से जा मिलता है. लेकिन इस फिल्म का अंत गहरी उदासी के साथ एक सरप्राइज भी देता है, लेकिन इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
म्यूजिक
फिल्म का हर गाना दिल को छू लेने वाला है. काफी टची और इमोशनल गानों के साथ यह कहानी काफी सहजता से आगे बढ़ती जाती है. कहानी के साथ हर गाना उसे बेहतरीन सपोर्ट देने वाला है.
आपको बता दें कि 'दिल बेचारा' साल 2014 में आई हॉलीवुड फिल्म 'फॉल्ट इन आर स्टार्स' का ऑफिशियल हिंदी रीमेक है. जो कि जॉन ग्रीन की सन 2012 में प्रकाशित हुई नॉवेल पर आधारित है.
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