Mahanati Savitri Life Facts: साउथ की पहली लेडी सुपरस्टार महानटी सावित्री (Mahanati Savitri), जिन्हें लोग देवी की तरह पूजते थे. 60 के दशक में 100 करोड़ की संपत्ति वाली सावित्री को गहनों का ऐसा शौक था कि घर में हमेशा से सुनार मौजूद रहता था. डायरेक्टर्स और चाहनेवाले घर के बाहर भीड़ लगाया करते थे.  कई लोग इन्हें एक्ट्रेस रेखा (Rekha) की सौतेली मां के रूप में भी जानते थे. 4 बच्चों के पिता और स्टार जेमिनी गणेशन की दूसरी पत्नी बनना इनके लिए मुश्किल साबित हुआ. जिंदगी जितनी संघर्षों में गुजरी उससे ज्यादा दर्दनाक रही मौत. 


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जेमिनी गणेशन से हुआ प्यार


6 दिसंबर 1935. गुंटूर में सावित्री का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ. महज 6 महीने की उम्र में पिता का निधन हुआ तो मामा ने इनके परिवार को सहारा दिया. टैलेंट की बदौलत इन्हें डांस और ड्रामा में जगह मिली. मामाजी इन्हें मद्रास ले जाकर ऑडीशन दिलवाते थे, लेकिन 11 साल की उम्र की सावित्री हर जगह रिजेक्ट होती रहीं. एक दिन जेमिनी स्टूडियो में ऑडीशन देते हुए इनकी मुलाकात जेमिनी गणेशन से हुई. उन्होंने सावित्री की एक तस्वीर निकाली और मैगजीन में छपवा दी. उस तस्वीर के जरिए इन्हें पहली फिल्म समसारन मिली, लेकिन अपनी बचकानी हरकतों के चलते इन्हें फिल्म से निकाल दिया गया. फिर पहले छोटे मोटे रोल मिले फिर लीड रोल. साथ काम करते हुए इन्हें जेमिनी गणेशन से प्यार हो गया. दोनों ने 1952 में सीक्रेट शादी कर ली. जेमिनी इस समय पहले से शादीशुदा और 4 बच्चों के पिता थे. वहीं उनका अफेयर पुष्पावलि से चल रहा था, जिस अफेयर से उन्हें दो बेटियां रेखा औऱ राधा हुईं. दोनों की शादी का खुलासा तब हुआ जब लक्स साबुन के ऐड के कॉन्ट्रैक्ट में सावित्री ने साइन में अपना नाम सावित्री गणेशन लिखा.


सावित्री बन गईं सुपरस्टार


1958 की मायाबाजार से सावित्री स्टार बन गईं. देखते-ही-देखते लोग इन्हें पूजने लगे, लेकिन ये बात पति जेमिनी को खटकती थी. जलन में जेमिनी इन्हें शराब पिलाने लगे. पति के लगातार धोखे और बुरे व्यवहार से सावित्री नशे में डूबने लगीं. चंद फिल्मों में पैसा लगाया, लेकिन सिर्फ नुकसान ही हुआ. टैक्स ना भरने पर जब इनकम टैक्स वालों ने इनकी सारी संपत्ति सीज की तो ये अपना सब कुछ बेचकर गुजारा करने को मजबूर थीं. 1969 में जेमिनी इन्हें छोड़ गए और इनकी हालत बिगड़ती चली गई. लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहीं सावित्री की किसी ने मदद नहीं की. गरीबी और अकेलेपन में रहतीं सावित्री 1980 में कोमा में चली गईं और 19 महीनों तक कोमा में रहने के बाद इन्होंने 26 दिसंबर 1983 में दम तोड़ दिया.