Char Dham Tunnel Benefits: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही ऑल वेदर टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों का रेस्क्यू  ऑपरेशन जारी है. मजदूरों तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मशीनों के जरिए मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. इसके लिए ड्रिल मशीनों की भी मदद ली जा रही है. यह टनल चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही है, जो हर मौसम में खुली रहेगी. तो चलिए आपको बताते हैं कि यह टनल क्यों बनाई जा रही है और इसके पूरा होने के बाद क्या फायदा होगा?


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ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही टनल


यह ऑल वेदर टनल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही है. हादसा सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच सिलक्यारा की तरफ हुआ है. निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया, जिससे 40 श्रमिक उसके अंदर फंस गए. टनल से मलबा हटाया जा रहा है. टनल में लगातार मलबा आने से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


क्यों बनाई जा रही यह ऑल वेदर टनल?


चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव धरासू है, जहां से यमुनोत्री नेशनल हाईवे की शुरुआत होती है और जानकीचट्टी तक जाती है. इसकी लंबाई करीब 106 किमी है. हाईवे के बीच में पड़ने वाला राड़ी टॉप क्षेत्र सबसे मुश्किल भरा है, जहां सर्दियों में बर्फबारी के बाद हाईवे बंद हो जाता है. इस वजह से जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से बड़कोट, पुरोला और मोरी का संपर्क कट जाता है. इसके साथ ही चारधाम यात्रा के दौरान भी जाम की स्थिति भी बनती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत यह डबल लेन सुरंग बनाई जा रही है.


26 KM कम हो जाएगा उत्तरकाशी से यमुनोत्री का सफर


यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा और बड़कोट के बीच बन रही इस टनल की लंबाई 4 किलोमीटर है, जिसको बनाने के लिए कुल 1383 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह सुरंग करीब 12 मीटर चौड़ी डबल लेन है. सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा. सुरंग का काम पूरा होने के बाद यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों के अलावा यमुना घाटी के स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा.


दिसंबर तक पूरा होना है ऑल वेदर टनल का काम


यमुनोत्री हाईवे पर बन रही टनल का काम दिसंबर तक पूरा होना है. इसके लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. अभी टनल कटिंग का करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. हाल ही में अधिकारियों ने दावा किया था कि टनल के अंदर दिसंबर तक वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. बता दें कि साल 2018 में मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस टनल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसे खत्म करने की डेडलाइन 2022 रखी गई थी.