Suranya Aiyar Controversy: कांग्रेस के सीनियर नेता मणिशंकर अय्यर (Manishankar Aiyar) के परिवार से विवादों का नाता छूटता नहीं दिखता. भारतीय राजनीति में खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए विवादित बयानों को लेकर चर्चित रहे मणिशंकर अय्यर के घर के दो सदस्य बीते दो हफ्ते के भीतर ही विवादों के चलते सुर्खियों में शामिल हुए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस बार राम मंदिर अयोध्या पर अपने विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उनकी दूसरी बेटी सुरण्या अय्यर (Suranya Aiyar) चर्चा में हैं. इससे पहले उनकी बेटी यामिनी अय्यर (Yamini Aiyar) अपनी अगुवाई में चलने वाले मशहूर थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस रद्द होने को लेकर खबरों में शुमार हुई थीं.


आरडब्ल्यूए की ओर से सुरण्या अय्यर को घर खाली करने के लिए नोटिस जारी


मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट के कारण मुश्किल में फंसती दिख रही हैं. उनका हाउसिंग सोसायटी के आरडब्ल्यूए की ओर से उन्हें घर खाली करने के लिए नोटिस जारी किए जाने के बाद वह चर्चा में हैं. आइए, जानते हैं कि सुरण्या अय्यर कौन हैं, किन वजहों से विवाद में घिरी हैं और इस पर उन्होंने क्या जवाब दिया है?


कौन हैं मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरण्या अय्यर, राम मंदिर पर ऊटपटांग लिखकर विवादों में उलझीं


सुरण्या अय्यर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी हैं. राजधानी नई दिल्ली के जंगपुरा इलाके में वह अपने पिता के साथ रहती हैं. पेशे से वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता सुरण्या अय्यर सोशल मीडिया पर लगातार काफी एक्टिव रहती हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लाइव आकर वह अक्सर सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात रखती हैं. विवादित कंटेंट और स्टेटमेंट को लेकर वह अक्सर चर्चा में रहती है. इस बार सुरण्या अय्यर ने अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बने भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में सोशल मीडिया पर विस्तार से अपनी राय रखी थी.


शांति भंग और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, पिता और बेटी से की गई घर छोड़ने की गुजारिश


अयोध्या राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 19 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सुरण्या अय्यर ने श्रीराम मंदिर के कार्यक्रम के विरोध में तीन दिन का अनशन करने की बात भी कही थी. इस मामले में विवाद बढ़ने पर शरण्या को घर खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक आरडब्ल्यूए सदस्यों ने नोटिस में पिता मणिशंकर अय्यर और बेटा सुरण्या अय्यर दोनों से अनुरोध किया है कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे लोगों की शांति भंग हो या उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हों. दोनों से मौजूदा घर को छोड़कर कहीं और चले जाने की गुजारिश भी की गई है.


आरडबल्यूए सदस्यों ने मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी सुरण्या अय्यर से माफी मांगने के लिए भी कहा


इसके साथ ही आरडबल्यूए सदस्यों ने मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी सुरण्या अय्यर से माफी मांगने के लिए भी कहा है. कहा जा रहा है कि सुरण्या अय्यर की फेसबुक पोस्ट और रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के विरोध में रखे गए अनशन से वहां आरडब्ल्यूए सदस्य नाराज हो गए. उनके पड़ोसियों ने दोनों बाप-बेटी को जल्द से जल्द घर खाली करने के लिए कहा है. आरडब्ल्यूए ने नोटिस जारी कर कहा कि हम आपके सोशल मीडिया बयानों की सराहना नहीं करते हैं. यह शांति भंग करने वाला और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला हो सकता है.


सुरण्या अय्यर ने नोटिस मिलने से किया इनकार, सोशल मीडिया पोस्ट कर खुद को बताया शेरनी


विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में आने के बाद सुरण्या अय्यर ने फिर से अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर कर जवाब दिया. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि मुझे आज सुबह एक टेलीविजन चैनल से फोन आया कि किसी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने हाल ही में मेरे अपने घर में अकेले अनशन करने के लिए मेरे खिलाफ नोटिस जारी किया है. 


उन्होंने लिखा कि सबसे पहली और मजेदार बात तो ये है कि मैं उस कॉलोनी में नहीं रहती हूं, मैंने न ही वहां कोई जगह खरीदी है या किराए पर ली है. वैसे भी शेरनी तो जंगल में रहती है. सुरण्या ने लिखा कि मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है. मैंने केवल बाइट की मांग करने वाले टीवी रिपोर्टर से इसके बारे में सुना है. मैंने अनशन क्यों किया इसके बारे में मैं पहले ही बता चुकी हूं. इस बारे में मेरा आधे घंटे का लिखित और मौखिक भाषण पहले से ही 19 जनवरी से ऑनलाइन मौजूद है.


सीपीआर पर कार्रवाई के बाद चर्चा में आई थीं मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर


इससे दो हफ्ते पहले मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर सुर्खियों में आई थीं. तब उनकी अगुवाई में चलने वाले एक थिंक टैंक या एनजीओ सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) का फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने इसकी घोषणा करते हुए बताया था कि सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च लगातार कानूनी नियमों का उल्लंघन के साथ आर्थिक गड़बड़ी कर रही थी. 


सीपीआर पर देश की राजनीतिक पार्टियों के लिए चंदा इकट्ठा करने और टैक्स चोरी करने के भी आरोप लगे थे. इसके अलावा गुजरात की विवादित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट को चंदा देने का भी आरोप है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी थी कि सीपीआर की विदेशी फंडिंग को रोकने की जरूरत है. उसे गलत मकसद से विदेशी रकम मिल रही है. इससे देश के आर्थिक हितों पर असर पड़ सकते हैं.