Delhi water crisis update: दिल्ली की जनता अभूतपूर्व जलसंकट से जूझ रही है. पानी की बूंद-बूंद को लेकर मारामारी हो रही है. जगह-जगह पानी के टैंकर से लोगों की प्यास बुझाने की कोशिश हो रही है. जलसंकट गहराया और लोगों ने त्राहिमाम किया तो मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार 10 साल से इस समस्या के लिए हरियाणा को कोस रही है. इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर तीन राज्यों से उसे पानी दिलाने की मांग की है. गीता कॉलोनी, संगम विहार, संजय कैंप हो या चाणक्यपुरी हर जगह कमोबेश एक जैसी स्थिति है.

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सुप्रीम कोर्ट दिलाएगा दिल्ली को पानी?


दिल्ली सरकार जल संकट को लेकर अपने पिछले ट्रैक रिकॉर्ड के तहत हरियाणा को कोसते हुए दो कदम और आगे निकली और उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर दिल्ली को एक्स्ट्रा पानी दिलाने की मांग की है. दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और यूपी सरकार को निर्देश दे कि वो एक महीने के लिए दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराए. हालांकि अभी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हुई है.'




दिल्ली जल बोर्ड और टैंकर माफिया का दंश


दिल्ली के कई इलाकों में पारी की भारी किल्लत देखी जा रही है. टैंकरों के जरिए इलाकों में पानी दिया जा रहा है. वहीं दिल्ली में पानी की कमी पर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. लोग सड़क पर उतरकर दिल्ली सरकार के खिलाफ अब प्रदर्शन कर रहे हैं. बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर टैंकर माफिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.



जल संकट पर कौन सच्चा कौन झूठा?


हरियाणा के सिंचाई मंत्री डॉ. अभय यादव ने दिल्ली सरकार आरोपों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि दो दिन से सवाल पूछा जा रहा है कि बिना काम के क्यों ऐसा मुद्दा उठाया जा रहा है, समझ से बाहर है. सिंचाई मंत्री ने कहा कि दिल्ली का शेयर 719 क्यूसिक पानी का है जबकि हरियाणा की तरफ से 1049 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है.


पानी पर 'संग्राम' AAP-BJP में घमासान


बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज का कहना है कि बीते 10 सालों में केजरीवाल सरकार ने जलसंकट का समाधान निकालने के लिए कुछ नहीं किया वो बस पड़ोसी राज्यों पर ठीकरा फोड़ते रहे. लेकिन अब वो अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं. दिल्ली की अन्य लोकसभा सीटों के बीजेपी उम्मीदवारों ने भी जल संकट के लिए केजरीवाल सरकार को घेरते हुए उनकी नाकामियां गिनाई हैं. वहीं दिल्ली की मंत्री कह रही हैं कि किल्लत जल्द दूर होगी. 



10 साल में और गहरा गया दिल्ली का जल संकट


BJP कह रही है कि टैंकर माफिया को बढ़ावा देने के लिए AAP सरकार ने जानबूझकर कृत्रिम रूप से जल संकट के हालात पैदा किए हैं, ताकि भ्रष्टाचार के पैसों से जेबें भरी जा सकें. लोग पानी के टैंकरों का सहारा लें और 'टैंकर माफिया' पर निर्भर रहें. 2013 में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) मुनाफा कमा रहा था. लेकिन एक दशक की सरकार में दिल्ली जल बोर्ड को 73,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, इसके लिए AAP और CM अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं'.



कौन बुझाएगा दिल्ली की प्यास?


मई खत्म होते-होते जल संकट इतना गहरा गया कि ऐसा लगा कि लोग दिल्ली जल बोर्ड से आस लगाने के बजाए पानी माफिया पर निर्भर हो गए हैं. एक-एक टैंकर के पीछे सैकड़ों लोग दौड़ रहे हैं. नंबर आने के लिए लोगों के बीच गुत्थम गुत्थी हो रही है. टैंकर के नलके तक जिसका नंबर आ जा रहा है, वो अपने आप को भाग्यशाली समझ रहा है.



दिल्ली की मंत्री का कहना है कि हम सेंट्रल वॉटर टैंकर का 'वॉर रूम' दिल्ली जल बोर्ड में स्थापित कर रहे हैं. जो लोग पानी का टैंकर चाहते हैं वो 1916 पर कॉल कर सकते हैं. 5 जून से काम में तेजी आएगी. हम 200 टीमें बना रहे हैं जो पानी की बर्बादी रोकेंगी. 


हरियाणा के पानी पर निर्भर दिल्ली


दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हाल ही में आरोप लगाते हुए ये कहा था कि रिकॉर्ड तापमान के बीच हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से के पानी की कटौती कर रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बीजेपी से आग्रह किया कि वो हरियाणा और यूपी की अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने तक पानी उपलब्ध कराने के लिए कहे. ये सच है कि दिल्ली के वाटर प्लांट सूखने की नौबत आ गई है. वजीराबाद हो या अन्य हर जगह पानी की कमी है. 


पानी की भारी किल्लत लोगों की मुसीबतें  बढ़ा रही है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब दिल्लीवाले इस मुसीबत का सामना कर रहे हैं. गर्मी बढती है तो लोग बूंद-बूंद के लिए लिए तरसने लगते हैं. हर साल ऐसा होना सामान्य सी घटना हो गई है.