Explainer: गजवा-ए-हिंद क्या है? ब्रेनवॉश करने के लिए क्यों पिलाई जाती है इसकी घुट्टी
Ghazwa-e-Hind: एनआईए रेड के बाद `गजवा-ए-हिंद` फिर चर्चा में आ गया है. आइए समझते हैं कि `गजवा-ए-हिंद` का ये पूरा मामला क्या है? युवाओं को इसके नाम पर कैसे भड़काया जाता है?
Ghazwa-e-Hind Meaning In Hindi: एनआईए की टीम ने गजवा-ए-हिंद (Ghazwa-e-Hind) मॉड्यूल केस में रविवार को कई राज्यों में छापेमारी की. एनआईए ने मध्य प्रदेश के देवास, गुजरात के गिर सोमनाथ, यूपी के आजमगढ़ और केरल के कोझिकोड में संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे. छापेमारी में आपत्तिजनक कागजात और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए. रेड के दौरान संदिग्धों के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा है कि कैसे पाकिस्तान के इशारे पर ये लोग 'गजवा-ए-हिंद' के लिए काम कर रहे थे. अब आपके मन में सवाल होगा कि 'गजवा-ए-हिंद' क्या है? 'गजवा-ए-हिंद' का मकसद क्या है? इसके जरिए कैसे भारतीयों युवाओं को भारत के खिलाफ ही भड़काया जा रहा है.
NIA की रेड में क्या-क्या मिला?
बता दें कि रेड के दौरान एनआईए की टीम एमपी के देवास में एक घर में पहुंची. यहां रहने वाले एक युवक लियाकत और उसके पिता इदू खां से पूछताछ की. करीब 4 घंटे की पूछताछ के बाद टीम लियाकत का मोबाइल जब्त करके ले गई. कागजी कार्रवाई करने के बाद फिलहाल टीम चली गई है. अब टीम को मोबाइल में कुछ संदिग्ध मिलता है तो लियाकत को तलब किया जाएगा.
आजमगढ़ से तेलंगाना तक फैला है जाल
NIA की एक टीम यूपी के आजमगढ़ भी गई. जिले की मुबारकपुर थाना क्षेत्र के सरैया मोहल्ला में हाजी वदूद के घर छापेमारी हुई. हाजी वदूद का नाती अदनान तेलंगाना के एक होटल में काम करता था, उसको तेलंगाना में पकड़ा गया था. सरैया मोहल्ला अदनान का ननिहाल है.
पाकिस्तान के इशारे पर कर रहे थे काम
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि रेड से संदिग्धों के पाकिस्तान में मौजूद उनके आकाओं के साथ कनेक्शन का पता चला है. ये संदिग्ध अपने पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में थे. ये गजवा-ए-हिंद और भारत विरोधी विचार का प्रचार करने में शामिल थे.
गजवा-ए-हिंद ग्रुप का कैसे हुआ खुलासा?
एनआईए के अधिकारी ने आगे कहा कि ये मामला 14 जुलाई, 2023 को बिहार में फुलवारीशरीफ पुलिस ने मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया था. वो जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक के बनाए हुए व्हाट्सएप ग्रुप ‘गजवा-ए-हिंद’ से जुड़ा हुआ था.
यमन तक हैं गजवा-ए-हिंद के तार
उन्होंने ये भी कहा कि आरोपी ताहिर ने भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों के कई लोगों को भी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा था. भारतीय उपमहाद्वीप में गजवा-ए-हिंद लाने के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के मकसद से, ग्रुप को पाकिस्तान में मौजूद संदिग्ध ऑपरेट कर रहे थे.
‘गजवा-ए-हिंद’ क्या है?
गजवा-ए-हिंद सैकड़ों साल पुराना शब्द है. गजवा-ए-हिंद का मतलब भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले काफिरों को जीतने से है. यहां रहने वाले बाशिदों के साथ युद्ध से है. गजवा-ए-हिंद में ‘गजवा’ का मतलब इस्लाम को फैलाने के लिए लड़ी जाने वाली जंग से है. आसान भाषा में समझें तो गजवा-ए-हिंद का मतलब जंग में भारत को जीतकर इसका इस्लामीकरण करने से है.
कब होगा गजवा-ए-हिंद?
गजवा-ए-हिंद कब होगा? इसको लेकर भी अलग-अलग मत हैं. एक मत है कि गजवा-ए-हिंद का प्रयास आने वाले समय में होना है. हाफिज सईद जैसे तमाम आतंकी इस मंसूबे को अपने दिमाग में पाले बैठे हैं. वहीं, दूसरा मत ये भी है कि गजवा-ए-हिंद हो चुका है. जब भारत में सैकड़ों साल तक मुस्लिम आक्रमणकारी हमले करते रहे थे. लेकिन पाकिस्तान से अब भी गजवा-ए-हिंद के नाम से मुहिम चलाना खतरे की ओर इशारा करता है. आतंकी गजवा-ए-हिंद जैसे अपने नापाक मंसूबे के लिए काम कर रहे हैं. हालांकि, भारतीय एजेंसियां मुस्तैद हैं और भारत के खिलाफ हर एक साजिश को समय रहते नाकाम कर रही हैं.