Indian Worker In Israel: इजरायल और हमास का युद्ध अब महीने भर का हो चला है. युद्ध के बीच इजरायल ने भारत के सामने एक मांग रख दी है. वह भारत से एक लाख लोगों को चाहता है. यह फैसला भारत सरकार को करना है. लेकिन स्थिति युद्ध की है ऐसे में भारत के सामने सुरक्षा को लेकर बड़ी दुविधा है. असल में युद्ध के कारण इजरायल में फिलिस्तीनी श्रमिकों के लिए स्थिति खतरनाक हो गई है. कई फिलिस्तीनी श्रमिकों ने अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए इजरायल छोड़ दिया है. इस कारण से इजरायल की निर्माण कंपनियों को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति में इजरायल की सरकार ने भारत से एक लाख श्रमिकों को भर्ती करने की अनुमति मांगी है. इन श्रमिकों को फलस्तीनी श्रमिकों की जगह काम करने के लिए भेजा जाएगा.


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निर्माण कार्य इजरायल की अर्थव्यवस्था का हिस्सा
दरअसल, यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि निर्माण कार्य इजरायल की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. निर्माण कार्य के ठप होने से इजरायल की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. भारत सरकार एक समझौते के तहत इस अनुरोध पर विचार कर सकती है. यदि भारत इस अनुरोध को स्वीकार करता है, तो यह भारत और इजरायल के बीच संबंधों को जरूर मजबूत करने में मदद करेगा लेकिन दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति है ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी सोचना जरूरी है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने नेतन्याहू सरकार से अनुरोध किया है कि गाजा में इजरायली सेना और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अपना वर्क परमिट खो चुके फिलिस्तीनियों की जगह लेने के लिए कंपनियों को एक लाख भारतीय श्रमिकों को काम पर रखने की अनुमति दी जाए.


भारत-इजरायल के बीच पहले हुई थी डील
असल में इजरायल ने पहले ही भारत से श्रमिकों को बुलाने के लिए डील की थी. मई में इजरायली विदेश मंत्री एली कोहेन भारत की यात्रा पर आए थे. उस दौरान भारत और इजरायल ने एक समझौता किया था, जिसके तहत भारत से 42,000 श्रमिक इजरायल में काम करने जाएंगे. इनमें से 34,000 श्रमिक निर्माण क्षेत्र में काम करेंगे. इजरायल के निर्माण क्षेत्र में पारंपरिक रूप से फिलिस्तीनी श्रमिक काम करते हैं, लेकिन हालिया इजरायल-हमास संघर्ष के बाद इजरायल ने फिलिस्तीनियों को काम करने से रोक दिया है. इस कारण से, इजरायल को भारतीय श्रमिकों की आवश्यकता है.


क्या फैसला करेगी भारत सरकार?
अब देखना होगा कि भारत सरकार क्या फैसला करती है. एक तरफ इजरायल को श्रमिकों की सख्त जरूरत है. इजरायल में निर्माण के सभी काम पूरी तरह ठप हैं. जिन बिल्डिंगों का कुछ दिनों पहले तक लगातार निर्माण हो रहा था, अब वह साइट पूरी तरह खाली हैं. जिन लोगों ने मकान खरीद रखे हैं, वह लोग बिल्डर्स पर काम को जारी रखने का दबाव बना रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत सरकार सुरक्षा दृष्टिकोणों को देखकर ही श्रमिकों की रवानगी को हरी झंडी देगी.