Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अकेले नहीं सकती. ये बात किसी विपक्षी दल ने नहीं, बल्कि बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने खुद कही है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के बीज बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. उन्होंने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव अकेले नहीं जीत सकती, लेकिन चुनाव के बाद वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी.


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जमीनी हकीकत पर देवेंद्र फडणवीस ने कही बड़ी बात


देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जमीनी हकीकत को लेकर व्यावहारिक होना होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन के घटक दल भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) एकजुट होकर चुनाव लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं. उन्होंने कहा, 'भाजपा राज्य (विधानसभा चुनाव) अकेले नहीं जीत सकती, लेकिन यह भी सच है कि हमारे पास सबसे ज्यादा सीट और सबसे ज्यादा मत प्रतिशत है. चुनाव के बाद भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. तीनों दलों के मतों का एकीकरण ही हमें विजयी बना सकता है.'


बीजेपी ने 288 में से 121 सीटों पर उतारे उम्मीदवार


भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अब तक महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट में से 121 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने विश्वास जताया कि भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की मदद से सरकार बनाएगी. बता दें कि बीजेपी ने 121 उम्मीदवार उतारे हैं और महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 सीटों की जरूरत होती है.


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क्यों ऐसा बोल गए देवेंद्र फडणवीस, क्या हैं इसके मायने


दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव में पार्टी की स्थिति को भांपने के बाद यह बात कही है. पिछले चुनाव में भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी रही थी, लेकिन अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी ने 105, शिवसेना (अविभाजित) ने 56, एनसीपी (अविभाजित) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने बहुमत हासिल किया, लेकिन मुख्यमंत्री के मुद्दे पर गठबंधन टूट गया. इसके बाद बीजेपी ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार का गठन किया, लेकिन बहुमत साबित करने में विफल रही और सरकार गिर गई. तब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने नए गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) का गठन किया और 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.


जून 2022 में शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया और बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई. 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने. इसके बाद 2 जुलाई 2023 को एनसीपी में भी फूट पड़ा और अजित पवार ने बगावत कर बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन में शामिल हो गए. सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और एनसीपी के 8 विधायकों ने मंत्री के तौर पर शपथ ली. लंबी लड़ाई के बाद शिवसेना का नाम और निशान शिंदे गुट को मिल गया. इसी तरह एनसीपी का नाम और चुनाव निशान अजित पवार गुट को मिल गया. अब बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.


नाराज और बगावती नेताओं के लिए कही ये बात


देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने टिकट न मिलने से भाजपा के कुछ नेताओं के नाराज होने और बगावत करने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'कोई भी पार्टी यह नहीं कह सकती कि उसे दूसरे दलों के मत चाहिए, लेकिन वह सीट बंटवारे पर समझौता करने को तैयार नहीं है. मुझे हमारे कुछ महत्वाकांक्षी दावेदारों के लिए दुख है, जिन्हें इस बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया जा सका.' उन्होंने हल्के-फुलके लहजे में कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति ऐसी है, जैसे कई फिल्में बन रही हैं और हर महत्वाकांक्षी अभिनेता को मुख्य किरदार मिल सकता है.


लोकसभा चुनाव से कितनी बदल गई स्थिति?


आम चुनाव का विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाले असर के बारे में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दावा किया कि महाराष्ट्र में पहली बार लोकसभा चुनाव के दौरान ‘वोट जिहाद’ देखने को मिला, जिसमें महायुति गठबंधन राज्य की 48 सीटों में से केवल 17 सीट ही जीत पाया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में इसका कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'धुले लोकसभा क्षेत्र में हमारा उम्मीदवार पांच विधानसभा क्षेत्रों में आगे था, लेकिन मालेगांव-मध्य विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान के कारण हमें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, विधानसभा चुनावों में यह कारगर नहीं होगा, क्योंकि उन पांच सीटों पर हमारे उम्मीदवार निश्चित रूप से जीतेंगे.'


महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान, 23 को काउंटिंग


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है और सभी 288 सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 23 अक्टूबर वोटों की गिनती होगी. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है और सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 सीट हासिल करनी होगी. इस बार के चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीधी टक्कर है. सत्तारूढ़ महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अलावा एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) शामिल हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)