New Zealand Parliament Protest: वैसे तो हाल ही में पूरी दुनिया का ध्यान अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव पर रहा लेकिन इसी बीच न्यूजीलैंड की संसद में एक घटना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा. हुआ यह कि गुरुवार को ही एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में वहां की एक युवा सांसद ने परंपरागत हाका नृत्य के जरिए अपना विरोध दर्ज कराया. यह घटना उस समय हुई जब स्पीकर ने 22 वर्षीय सांसद हाना-राविती माईपी-क्लार्क से पूछा कि उनकी पार्टी विधेयक पर क्या रुख अपनाएगी. माईपी-क्लार्क ने इसका जवाब देने के बजाय बिल की प्रति फाड़ दी और पारंपरिक हाका नृत्य करने लगीं. ये सांसद कौन हैं और इन्होंने ऐसा क्यों किया.. इसे समझने की जरूरत है. और यह भी जानेंगे कि आखिर पूरे न्यूजीलैंड में इसको लेकर प्रदर्शन क्यों हो रहा है.


22 साल की लड़की संसद में गरजी.. अनोखा विरोध


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असल में हाना-राविती माईपी-क्लार्क का यह कदम संसद में मौजूद अन्य विपक्षी नेताओं ने भी समर्थन किया और वे भी हाका नृत्य में शामिल हो गए. हालत यह हो गई कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण संसद सत्र को अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा. संसद के स्पीकर जैरी ब्राउनली ने इस घटना को ‘अनादरपूर्ण’ करार देते हुए माईपी-क्लार्क को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. इसका कारण यह भी है कि इस नृत्य को युद्ध नृत्य भी कहा जाता है. 


कौन हैं माओरी जनजाति?


माओरी जनजाति न्यूजीलैंड की एक प्राचीन और मूल निवासी जनजाति है. उनकी संस्कृति में धरती और पूर्वजों से गहरा संबंध होता है. माओरी भाषा ‘ते रेओ माओरी’ उनकी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे आज भी कई लोग बोलते हैं. माओरी लोग खुद को ‘कायटियाकी’ यानी प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक मानते हैं और ‘वाकापापा’ के सिद्धांत पर विश्वास करते हैं, जो कि सभी जीवित और निर्जीव वस्तुओं के बीच एक जुड़ाव को दर्शाता है.


हाका नृत्य के बारे में भी समझ लीजिए..


माओरी संस्कृति में हाका नृत्य शक्ति, एकता और साहस का प्रतीक है. यह नृत्य जोशीले हावभाव, जोरदार आवाज़ और समन्वित शारीरिक मुद्राओं के साथ किया जाता है. इसे किसी संदेश को व्यक्त करने, विरोध दर्ज कराने या अतिथियों का स्वागत करने के लिए किया जाता है. माओरी समाज के लिए हाका उनकी एकता और सामूहिक प्रतिरोध का प्रतीक है.


‘ट्रीटी ऑफ वेटांगी’ क्या है?


यह संधि 1840 में ब्रिटिश क्राउन और 500 से अधिक माओरी नेताओं के बीच हस्ताक्षरित हुई थी और इसे न्यूजीलैंड का संस्थापक दस्तावेज माना जाता है. इसके माध्यम से दोनों पक्षों के बीच शासन के नियम तय किए गए थे. वर्तमान में यह संधि न्यूजीलैंड के कानूनों और नीतियों को प्रभावित करती है. हाल ही में प्रस्तावित विधेयक संधि की मूल भावना को चुनौती देता है, जिससे माओरी समुदाय में नाराज़गी फैल गई है.


विवादित विधेयक पर जोरदार विरोध


यह विवादित विधेयक, जो पिछले सप्ताह पेश किया गया था, का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार देना है. इसके समर्थक तर्क देते हैं कि माओरी समुदाय को बढ़ावा देने वाली नीतियों के कारण गैर-माओरी नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है. इस विधेयक के कारण पहले ही नस्लीय तनाव उत्पन्न हो गया है.


संसद ही नहीं पूरे न्यूजीलैंड में प्रदर्शन
इस विधेयक के विरोध में लगभग 10,000 लोग रोटोरुआ में प्रदर्शन कर चुके हैं. वे पारंपरिक वस्त्र पहनकर नौ दिवसीय ‘हिकोई’ (मार्च) में शामिल हुए. प्रदर्शनकारी इस विवादित विधेयक का विरोध करने के लिए वेलिंगटन की ओर बढ़ रहे हैं.


कौन हैं हाना राविती?
22 साल की हाना ने 2023 में सांसद के रूप में चुने जाने के बाद अपने पहले भाषण में भी हाका नृत्य किया था. वे माओरी समुदाय के अधिकारों की मुखर समर्थक हैं. वे प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की नीतियों की कड़ी आलोचना करती रही हैं. उनके दादा तैटिमु माईपी, माओरी आंदोलन तमातोआ के सदस्य थे, और उन्होंने माईपी-क्लार्क को सामाजिक न्याय के लिए प्रेरित किया.


फिलहाल विधेयक का भविष्य
हालांकि, इस विधेयक ने संसद में अपनी पहली रीडिंग पास कर ली है, लेकिन इसे आगे के चरणों में पारित होने की संभावना कम है. नेशनल पार्टी और न्यूजीलैंड फर्स्ट जैसी सहयोगी पार्टियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इसे समर्थन नहीं देंगे.