Hardeep Singh Puri: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी खाड़ी देश कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निधन पर संवेदना जाहिर करने के लिए 17 दिसंबर को कुवैत पहुंचे. हरदीप सिंह पुरी वहां नए अमीर महामहिम शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा को भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत संवेदना पत्र सौंपेंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई. कुवैत के अमीर का  86 वर्ष की उम्र में शनिवार को निधन हो गया था. भारत सरकार ने कुवैत के दिवंगत अमीर के सम्मान में रविवार (17 दिसंबर) को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की.


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अज्ञात लंबी बीमारी के चलते शेख नवाफ का निधन, शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर कुवैत के नए अमीर


कुवैत की स्थानीय मीडिया के मुताबिक नवंबर के आखिरी दिनों से ही शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबा एक अज्ञात बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थे. इससे पहले साल 2021 में भी बेहतर इलाज के लिए उन्होंने अमेरिका का दौरा किया था. साल 2020 में शेख सबा अल अहमद अल सबा के निधन के बाद शेख नवाप अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने कुवैत के अमीर के रूप में शपथ ली थी. शेख नवाप के बाद अब कुवैत के शासक यानी अमीर का पद शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर संभालने वाले हैं. 83 वर्ष के शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर को अब तक दुनिया का सबसे उम्रदराज युवराज माना जाता रहा है. आइए, जानते हैं कि खाड़ी और अरब देशों में एक कुवैत के साथ भारत का कैसा रिश्ता है.


खाड़ी देश कुवैत के साथ कैसा और कितना गहरा है भारत का रिश्ता


पश्चिम एशिया में स्थित अरब की खाड़ी (फारस की खाड़ी) से सीमा साझा करने वाले अरब देशों सऊदी अरब, कतर, इराक, बहरीन, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ओमान को खाड़ी देश कहा जाता है. भारत का इन खाड़ी देशों के साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध है. यहां बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय रहते हैं. इन खाड़ी देशों में अकेले कुवैत का जिक्र करें तो वहां के 24.1 फीसदी निवासी भारतीय हैं. ये अप्रवासी भारतीय बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा भेजते हैं, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होता है. भारत का खाड़ी देशों के समूह (GCC) के साथ 154.73 अरब डॉलर का व्यापार होता है. वहां के कुछ सबसे बड़े रिटेल स्टोर्स और रेस्टोरेंट्स के मालिक भी भारतीय हैं. भारत अपनी जरूरत का पांच प्रतिशत कच्चा तेल कुवैत से आयात करता है. वहीं, कुवैत अपनी खाद्य और अनाज जरूरतों के लिए भारत पर बेहद निर्भर है. कुवैत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मसाले, समुद्री उत्पाद, फल, सब्जियां, चीनी आदि और 93 प्रतिशत अनाज खासकर गेंहू और चावल भारत से आयात करता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुवैत 10 लाख भारतीयों के बैंक अकाउंट हैं. भारत से आने वाले पैसेंजर खाड़ी देशों के एविएशन सेक्टर के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं.


कोरोना महामारी में एक-दूसरे की मदद, रिश्ते में खटास की आशंका को मिलकर संभाला


जून 2022 में एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान भाजपा की प्रवक्ता नुपूर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर किए गए विवादित बयान के बाद मुस्लिम देशों और खाड़ी देशों में कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी. कुवैत की ओर से भी राजनयिक विरोध जताया गया था. तब भारत के साथ उसके रिश्ते में गर्मजोशी की कमी की आशंका जताई जा रही थी. कुवैत में कट्टरपंथी ताकतों ने भारतीय प्रोडक्ट्स और दुकानों के बहिष्कार की कोशिशों को भी हवा देने की कोशिश की थी. हालांकि, भारतीय नेतृत्व और राजनयिकों ने बुद्धिमानी से इस मसले का समाधान निकाला और खाड़ी देशों से रिश्ते बेहतर बने रहे. इससे एक साल पहले 2021 में भारत और कुवैत ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाई थी. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुवैत ने ऑक्सीजन और बाकी राहत सामग्री के रूप में भारत को फौरन मदद पहुंचाई थी. वहीं भारत ने कुवैत को वैक्सीन की खेप भिजवाई थी. इसके अलावा दोनों देश नियमित रूप से उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखते हैं. 


खजूर की पैदावार बढ़ाने के लिए कुवैत ने भारत से मंगवाया था गोबर


गल्फ कंट्री कुवैत ने बीते साल भारत से गेहूं के बाद भारी मात्रा में गाय का गोबर मंगवाया था. सबसे बड़े विदेशी ऑर्डर की पहली खेप में 192 मीट्रिक टन गोबर के उत्तर प्रदेश और राजस्थान से कंटेनर में भरकर जहाज से कुवैत भेजा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से गाय का गोबर मंगवाकर कुवैत में खजूर की खेती में खाद के रूप में इस्तेमाल किया गया था. कुवैत के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद दावा किया था कि गाय के गोबर के इस्तेमाल के बाद खजूर की उपज बढ़ी है. कुवैत को भेजे जाने वाले गोबर की पैकिंग जयपुर के श्री पिंजरापोल गोशाला के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में कस्टम डिपार्टमेंट की निगरानी में की गई थी. भारत में बड़े पैमाने पर पशुपालन होता है और कई जगहों पर खेतों में उर्वरक तो कई जगहों पर ईधन के रूप में गाय के गोबर का इस्तेमाल  किया जाता है.