How Does Paddle Shifter Works: ऑटोमेटिक और मैनुअल ट्रांसमिशन, दो अलग-अलग तरीके के ट्रांसमिशन हैं, जो कारों में उस्तेमाल किए जाते हैं. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में गियर ऑटोमेटिक तरीके से बदलते हैं जबकि मैनुअल ट्रांसमिशन में ड्राइवर को खुद गियर बदलने होते हैं. जिन कारों में ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन होता है, उनमें कंप्यूटर के जरिए इंजन, स्पीड, पावर और टॉर्क को ट्रैक किया जाता है. इसके अनुसार कंप्यूटर खुद ऑटोमेटिक तरीके से गियर बदलता रहता है. 


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क्या होते हैं पैडल शिफ्टर्स?


इसमें ड्राइवर को गियर बदलने के बारे में चिंता नहीं करनी होती. लेकिन, कुछ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में मैनुअल मोड पर चलाने की तकनीक भी दी जाती है ताकि ड्राइवर ज्यादा एक्टिव ड्राइविंग एक्सपीरिएंस ले पाएं. इसमें ड्राइवर गियर शिफ्ट कर पाते हैं. इसके लिए स्टीयरिंग व्हील पर स्विच दिए होते हैं, जिन्हें "पैडल शिफ्टर्स" कहा जाता है. पैडल शिफ्टर्स की मदद से ऑटोमेटिक कार में आप खुद से गियर अप-डाउन कर पाते हैं.


कैसे इस्तेमाल करें पैडल शिफ्टर्स?


पैडल शिफ्टर से अपशिफ्ट या डाउनशिफ्ट करना आसान है. स्टीयरिंग व्हील के राइट साइड में दिए गए पैडल शिफ्टर पर "+" का निशान होता है. "+" का निशान का मतलब है गियर बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करना है. वहीं, लेफ्ट साइड वाले पैडल शिफ्टर पर "-" निशान होता है, इसका मतलब है कि गियर छोटा करने के लिए इसका इस्तेमाल करना है. यानी, दायां पैडल गियर को बढ़ाता है और बायां पैडल गियर को घटाता है. हालांकि, इसके लिए पहले आपको कार को मैनुअल मोड में लना होता है.


पैडल शिफ्टर्स का फायदा?


पैडल शिफ्टर्स का इस्तेमाल करने से ड्राइवर को ड्राइविंग पर ज्यादा कंट्रोल मिलता है. ड्राइवर खुद स्थिति के अनुसार अपनी समझ से गियर छोटा या बड़ा कर सकता है. इसे आसान भाषा में ऐसा मान लीजिए कि आप पैडल शिफ्टर्स की मदद से अपनी ऑटोमेटिक कार को मैनुअल कार की तरह चला पाते हैं. हालांकि, पैडल शिफ्टर्स होने से कार की कीमत में कुछ इजाफा हो जाता है.