What is China 996 Work Culture: सोशल मीडिया पर इन दिनों '996' वर्क कल्चर खूब चर्चा में हैं, क्योंकि इसके विरोध में चीनी लड़के-लड़कियों ने एक अभियान चलाया है. चीनी वर्क कल्चर के विरोध में चीनी युवा पक्षी बनकर विरोध कर रहे हैं, जिनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसके बाद से चीन में '996' वर्क कल्चर या ऑफिस कल्चर को लेकर बवाल मचा हुआ है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ये '996' वर्क कल्चर क्या है और क्यों इसका विरोध हो रहा है. तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


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क्या है चीन का '996' वर्क कल्चर?


दरअसल, चीन में प्राइवेट कंपनियों खाततौर पर टेक इंडस्ट्री में '996' वर्क कल्चर (996 Work Culture) का चलन है. इसके तहत कर्मचारियों को सप्ताह में 6 दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करना पड़ता है. चीन में लंबे समय से इस वर्क कल्चर का विरोध कर रहे हैं, लेकिन चीन में कई बार प्राइवेट कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के शोषण की खबरें आती रही हैं. ये कंपनियां कर्मचारी को सप्ताह में सिर्फ एक छुट्टी देती हैं और रोजाना 12-12 घंटे काम कराती हैं.


विरोध में पक्षी बन वीडियो बना रहे युवा


'996' वर्क कल्चर (996 Work Culture) के विरोध में चीनी लड़के-लड़कियां पक्षी बनकर वीडियो बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में युवा ओवरसाइज्ड टी-शर्ट पहनकर अपने हाथ और पैर इस तरह से छिपाते हैं कि वो बिल्कुल चिड़िया की तरह नजर आ रहे हैं. इसके बाद वो फर्नीचर पर बैठकर 'पंख' फड़फड़ाते हुए और यहां तक ​​कि चहकते हुए दिख रहे हैं. टिकटॉक जैसे वीडियो प्लेटफॉर्म पर ये वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं और युवाओं को जबरदस्त समर्थन भी मिल रहा है.


हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि चीन के युवाओं ने सोशल मीडिया पर देश की '996' वर्क कल्चर (996 Work Culture) के प्रति अपनी निराशा जाहिर की है. साल 2022 में 'बाई लैन' (इसे सड़ने दो) शब्द का व्यापक रूप से प्रचलन शुरू हुआ. इससे पहले साल 2021 में '996' के खिलाफ चीन में 'वर्कर लाइव्स मैटर' नामक एक ऑनलाइन अभियान चलाया गया था, लेकिन इसके बाद भी इस तरह का शोषण हो रहा है और चीन के लोग सप्ताह में 72 घंटे काम करने के लिए मजबूर हैं.



चीन में 8 घंटे ही काम करने कानून


चीन सरकार ने काम को लेकर कानून बनाया हुआ है, जिसके अनुसार कंपनियां एक सप्ताह में अपने कर्मचारियों से अधिकतम 44 घंटे ही काम करा सकती है. लेकिन, इसके बाद भी कंपनियों अपने कर्मचारियों में ओवरटाइम के नाम पर 12-12 घंटे काम कराती हैं. इसको लेकर चीन सरकार कई बार प्राइवेट कंपनियों को चेतावनी भी दे चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है.


एक समय जैक मा ने किया था '996' का समर्थन


एक समय अलीबाबा के फाउंडर जैक मा (Jack Ma) ने भी '996' वर्क कल्चर (996 Work Culture) का समर्थन किया था. तब जैक मा ने कहा था कि 996 वर्क कल्चर किसी वरदान से कम नहीं है और सिर्फ 8 घंटे की शिफ्ट में काम करने वालों की अलीबाबा में कोई जगह नहीं है.


नारायण मूर्ति ने भी दी थी 70 घंटे काम की सलाह


इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने भी पिछले साल सप्ताह में 70 घंटे काम की वकालत करते हुए युवाओं को ज्यादा काम करने की सलाह दी थी. हालांकि, इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई थी. अक्टूबर 2023 में नारायण मूर्ति उस समय अचानक चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने एक पॉडकास्‍ट पर कहा था कि भारत की कार्य उत्‍पादकता दुनिया में सबसे कम है. हमें चीन जैसे देशों के साथ मुकाबला करने के लिए भारतीय युवाओं को एक्‍स्‍ट्रा घंटे काम करना होगा. युवाओं को सप्‍ताह में 70 घंटे तक काम करना चाहिए.


लंबी शिफ्ट में काम करने के क्या हैं नुकसान


बता दें कि लंबी शिफ्ट में काम करने के कई तरह के नुकसान है और यहीं कारण है कि दुनियाभर के ज्यादातर देश 5 डे वीक पर जोर दे रहे हैं. कुछ देशों में तो 4 डे वीक कल्चर भी अपनाया जा रहा है. डॉक्टर्स का मानना है कि रोजाना 7-8 घंटे से ज्यादा काम करने पर शरीर की ठीक से आराम नहीं मिलता है और इस वजह से स्ट्रेस बढ़ता है, थकान और चिड़चिड़ापन होता है. इस वजह से हाइपरटेंशन, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारियों के अलावा अनिद्रा जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं.