New Drugs In Delhi Perties: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने हाल ही में सीक्रेट जॉइंट ऑपरेशन में एक बड़े ड्रग्स रैकेट का खुलासा किया है. इस दौरान एक नाइजीरियाई महिला को मादक पदार्थों और खासकर 3.87 किलोग्राम मेस्केलीन की स्मगलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. जब्त ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 15 करोड़ रुपये है.


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करीब चार महीने की निगरानी के बाद छापेमारी


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को कई दिनों से इस ड्रग्स से जुड़ी जानकारी मिल रही थी. करीब चार महीने तक इस ड्रग्स रैकेट से जुड़े लोगों पर स्पेशल सेल ने निगरानी रखने के बाद 14 अगस्त, 2024 को महरौली में छापेमारी की और नाइजीरियाई महिला फेथ रेचल को गिरफ्तार किया. पुलिस और दूसरी एजेंसियों को चकमा देने के लिए इस रैकेट के लोग मेस्केलीन को विदेश से ब्रांडेड टॉफी और मछली के खाने के पैकेट में छिपाकर ला रहे थे.


दिल्ली में पहली बार पकड़ी गई मेस्केलीन की खेप


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक ये पहला मौका है जब मेस्केलीन की खेप जब्त की गई. ये ऐसा मादक पदार्थ है, जिसके बारे में दिल्ली के लोगों को पहले से कोई जानकारी ही नहीं थी. इस नई और बेहद खतरनाक ड्रग्स की खेप के साथ विदेशी महिला की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की चिंताएं बढ़ गई हैं. आइए, जानते हैं कि दिल्ली में एंट्री लेने वाली नई ड्रग मेस्केलीन आखिर क्या है ?


मेस्केलीन क्या है? शरीर, दिमाग और मन पर कैसा होता है असर


अक्सर नौजवानों की पार्टियों में ड्रग्स के तौर पर मेस्केलीन का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक प्राकृतिक साइकेडेलिक है. आमतौर पर ये कैक्टेसी और फैबेसी फैमिली के दूसरे कैक्टस और बीन प्लांट में भी पाई जाती है. अल्कोहल एवं ड्रग फाउंडेशन के मुताबिक, मेस्केलीन बटन के आकार के कैक्टस, मेस्क और पेयोटो के पौधों से बनती है. ये ऐसी ड्रग्स है जो शरीर की सभी इंद्रियों को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा मेस्केलीन की डोज लोगों की सोच, समझ और भावनाओं में भी बदलाव ला सकती है.


यूरोप और अमेरिका में दवा के रूप में क्यों पॉपुलर हुई मेस्केलीन


यूरोप और अमेरिका में दवा के रूप में लोकप्रिय हो गई मेस्केलीन के बारे में कहा जाता है कि ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होती. वहां के लोगों का दावा है कि इसके इस्तेमाल से अधिक एनर्जी महसूस होती है और हार्ट रेट में बढ़ोत्तरी होती है. इसकी खुराक से उलटी होने, भूख में कमी आने, शरीर के तापमान में बढ़त और खूब पसीना आने की बात भी कही जाती है.


पार्टियों में जमकर इस्तेमाल, कितने घंटे रहता है मेस्केलीन का नशा


बड़ी पार्टियों में मेस्केलीन ड्रग्स का खूब इस्तेमाल किया जाता है. लोग मेस्केलीन ड्रग को लीक्विड, टैबलेट, पाउडर या कैप्सूल के रूप में सेवन करते हैं.  मेस्केलिन में एलएसडी और साइलोसाइबिन (मैजिक मशरूम) के समान ही मतिभ्रम करने वाला असर होता है. रिपोर्ट के मुताबिक मेस्केलीन के डोज का असर शुरू होने में लगभग 45 से 50 मिनट लगते हैं और फिर 12 से 14 घंटे तक इसके नशे का असर बना रहता है. इन दिनों मेस्केलीन ड्रग्स को बायो लैब में भी तैयार किया जाने लगा है. हालांकि, मेस्केलीन लेने से कोई घातक ओवरडोज की सूचना नहीं मिली है. फिर दुनिया के कई देशों में इसे 1970 के दशक में ही गैरकानूनी करार दिया जा चुका है.


मेस्केलीन का इतिहास क्या है? म्यूजिक और बुक्स तक में हुई चर्चा


रिपोर्ट के मुताबिक, यह मादक पदार्थ 20वीं सदी के बीच में प्रमुखता से उभरा. उस समय एल्डस हक्सले ने अपनी 1954 में प्रकाशित किताब, द डोर्स ऑफ परसेप्शन में इसके उपयोग के अपने अनुभवों के बारे में लिखा. 2000 के दशक की शुरुआत में, साइकेडेलिक ट्रान्स बैंड 1200 माइक्रोग्राम मेस्केलीन नाम का एक ट्रैक लेकर आया. उस समय अमेरिका और मेक्सिको में इस साइको-एक्टिव पदार्थ का बहुत प्रचलन था. तब मेक्सिको ही इस प्रतिबंधित पदार्थ का एकमात्र उत्पादक देश था. 


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भारत में मेस्केलीन से जुड़े मामले रेयर, पुणे और पंजाब में ड्रग बरामद


हालांकि, इसके सप्लाय की कमी और कुछ रूसी समूहों ने एलएसडी आपूर्ति के साथ बाजार पर कब्ज़ा कर लिया और मेस्केलीन ने अपनी अपील खो दी थी. भारत में मेस्केलीन ड्रग से जुड़े मामले काफी रेयर हैं. दो साल पहले, पुणे में मामूली मात्रा में यह मादक पदार्थ पाया गया था. उससे पहले साल 2013 में, पंजाब में एक और मामला दर्ज किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में, मेस्केलीन और साइकेडेलिक पदार्थ अयाहुस्का की तस्करी के संदेह में मैड्रिड में एक ड्रग अड्डे पर छापेमारी के बाद स्पेनिश पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में लिया था.


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