Brij Bhushan Singh Wrestlers Dispute: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही WFI की सारी एक्टिविटीज पर भी रोक लगा दी है. हाल ही में चुनाव जीतने वाले बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के करीबी संजय सिंह (Sanjay Singh) अब अध्यक्ष भी नहीं रहेंगे. इससे बृजभूषण सिंह को बड़ा झटका लगा है और WFI से उनका दबदबा खत्म हो गया है. पहलवानों के बढ़ते विरोध के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया और WFI को सस्पेंड कर दिया. उसके चुनाव को भी अवैध बता दिया और कहा कि चुनाव में नियमों का पालन नहीं किया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सारा विवाद शुरू कैसे हुआ था? बृजभूषण सिंह और पहलवानों के बीच खटास क्यों आ गई? पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर क्या-क्या आरोप लगाए और उनकी क्या-क्या मांगें हैं?


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कब और कैसे हुई थी विवाद की शुरुआत?


इस पूरे केस की शुरुआत 18 जनवरी 2023 को हुई थी. जब देश के ओलंपिक चैंपियन और वर्ल्ड चैंपियन रेसलर साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंच गए थे. उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर तमाम गंभीर लगाए थे. रेसलर्स ने सबसे गंभीर आरोप ये लगाया था कि बृजभूषण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है. इसके अलावा पहलवानों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी, भ्रष्टाचार, फेडरेशन और खिलाड़ियों के बीच संवाद की कमी, बुरे व्यवहार और बृजभूषण सिंह के मनमाने रवैये आरोप लगे.


क्या पहलवानों में जगी इंसाफ की आस?


इस बीच, कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहलवान गीता फोगाट ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया. भले ही देर से पर, एक उम्मीद की किरण जरूर जागी है कि पहलवानों को इंसाफ मिलेगा!



प्रदर्शनकारी पहलवानों की मांगें क्या हैं?


बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने मांग की थी कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के मामले में एफआईआर दर्ज हो. हालांकि, बाद में यह कोर्ट के आदेश के बाद हुआ. दूसरी मांग थी कि भारतीय कुश्ती संघ से बृजभूषण सिंह को हटाया जाएगा. उनके कंट्रोल में WFI को नहीं होना चाहिए. हालांकि, जब चुनाव हुए तो बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ही चुनाव जीत गए. पहलवानों ने इसका भी विरोध किया. हालांकि, अब WFI सस्पेंड हो चुकी है. संजय सिंह अध्यक्ष पद से हट चुके हैं.


अध्यक्ष नहीं फिर भी WFI पर बृजभूषण का था कंट्रोल?


खेल मंत्रालय ने भी अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि कुश्ती संघ का नया अध्यक्ष बनने के बाद भी ऐसा लगता है कि पुराने पदाधिकारियों का कंट्रोल है. क्योंकि WFI का कामकाज अभी भी उसी जगह से चल रहा है जहां यौन शोषण होने के आरोप लगे थे. इसके अलावा खेल मंत्रालय ने WFI के चुनाव को भी अवैध कहा. आदेश में कहा गया कि WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं हुआ.


साक्षी का संन्यास और बजरंग की अवॉर्ड वापसी


गौरतलब है कि चुनाव के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष को लेकर कुछ पहलवानों में खासी नाराजगी थी. पहले पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास और बाद में बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया था. सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने के बाद बजरंग, अपना पुरस्कार लौटाने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने के लिए निकले थे. हालांकि उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया, जिसके बाद वो अपना अवॉर्ड सड़क पर ही रखने के बाद लौट आए थे. हालांकि, WFI के निलंबन और संजय सिंह के हटने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों का अगला कदम क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी.