Foodgasm : दुनिया के सभी आनंदों में खाना खाने के आनंद को अलग दर्जा मिला हुआ है. खाने की तृप्ति को लेकर वैसे ही कविताएं लिखी गई हैं जैसे अमूमन प्रेम और सौंदर्यबोध में लिखी जाती है. सभी ज्ञानेंद्रियों में जीभ को खास स्थान मिला हुआ है.  इसी आनंद को सेलिब्रेट करने के लिए जिस खास शब्द का ईजाद किया गया है उसे फूडगाज्म (Foodgasm) कहते हैं. यह दो शब्दों फूड और ऑर्गाज्म के मेल से बना हुआ शब्द है. बेहद शानदार खाना खाने के बाद मिलने वाले परम आनंद को फूडगाज्म कहते हैं. अक्सर यह आहों के साथ आता है. भाषाई तौर पर यह शब्द खाने को लेकर उठने वाले उत्साह की भावना को प्रदर्शित करता है. 


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गूगल से जुड़ते हैं इस शब्द के तार 
यह कुछ नए शब्दों में एक है. गूगल ट्रेंड रिसर्च के अनुसार इस शब्द की शुरुआत 2000 के सालों से हुई. पहली बार इसे 2004 में सर्च किया गया था. इसे पहली गूगल के एक सबग्रूप में इस्तेमाल किया गया था. 2005 में माइल हेयर क्लब नाम की किताब में नाओमी नायल ने भी इस शब्द का इस्तेमाल किया था. बाद के दिनों में सोशल मीडिया साइट के जगह लेने के बाद इस शब्द का व्यापक इस्तेमाल किया जाने लगा. 


इससे ही मिलता जुलता शब्द है फूडपोर्न 
1990 के दशक में जब टीवी पर फूड कार्यक्रमों की शुरुआत हुई थी और लोगों की खाने को लेकर अभिरुचियां जगनी शुरू हुई थीं, फूडपोर्न (Foodporn) शब्द का जन्म हुआ था. यह शब्द दरअसल फोटोग्राफ़ी की कला से जुड़ा हुआ है. खाने को तस्वीरों और वीडियो को बेहद आकर्षक अंदाज में पेश करने की कला को फूड पोर्न का नाम दिया गया. तस्वीरों में खाने की चीजों के साथ अक्सर लोगों को भी शूट किया जाने लगा. वे लोग खाने को ललचाई निगाहों से देखते होते. खाना और खाने के प्रति दीवानगी की इस कलात्मक अभिव्यक्ति को फूड पोर्न कहा गया.