Jimikand Ki Sabji: हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार दिवाली (Diwali) इस साल 24 अक्टूबर को बड़ी धूमधाम से भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जाएगा. दिवाली के दिन घर में तरह-तरह के पकवान बनते हैं. इनमें से खास सूरन (Suran) यानी जिमीकंद (Jimikand) की सब्जी. दिवाली के दिन सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी बनने का परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है. जैसे होली पर गुजिया और मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने का महत्व है वैसे ही दिवाली के दिन सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी बनाने का महत्व है. आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन जिमीकंद की सब्जी क्यों बनाई जाती है?


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दिवाली पर क्यों बनता है सूरन यानी जिमीकंद?


बता दें कि सूरन यानी जिमीकंद को जड़ से काट देने के बाद भी यह फिर से उग आता है. इसी कारण से सूरन यानी जिमीकंद को दिवाली में बढ़ती हुई सुख-समृद्धि और धन के भंडारण से जोड़ा जाता है. इसी वजह से दिवाली के दिन सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी बनाने की मान्यता है. माना जाता है कि दिवाली के दिन सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी खाने से धन-संपत्ति बढ़ती है और कभी खत्म नहीं होती है.


क्या होता है सूरन यानी जिमीकंद?


जान लें कि सूरन यानी जिमीकंद एक जड़ है जो एक कंद के रूप में अपने आप ही उग आती है. सूरन यानी जिमीकंद में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. सूरन यानी जिमीकंद खाना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है.


पोषक तत्वों से भरपूर है सूरन यानी जिमीकंद


गौरतलब है कि सूरन यानी जिमीकंद में पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह कई तरह से लाभदायक होता है. सूरन यानी जिमीकंद में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. सूरन यानी जिमीकंद गठिया रोग और जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद है. सूरन यानी जिमीकंद में कैल्शियम और आयरन मौजूद होता है जो हड्डियों के लिए लाभदायक होता है.


(Disclaimer: ये स्टोरी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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